भिंडी की सब्जी का नाम सुनते ही कई लोगों के मुंह में पानी आ जाता है. ये एक ऐसी सब्जी है, जो काफी पॉपुलर है और ज्यादातर घरों में बनाई जाती है.
सभी आहारों के साथ फिट बैठने वाली ये सब्जी कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है. बाकी हरी सब्जियों की तरह ही भिंडी में भी हाई फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. यही वजह है कि इसको खाने से स्वास्थ्य को कई फायदे मिलते हैं.
भिंडी विटामिन A, C, E और K, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, आयरन, फाइबर, जिंक, कॉपर, पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, थियामिन, अनसैचुरेटेड फैटी एसिड, फोलेट और अमीनो एसिड जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती है.
भिंडी में एंटी-अल्सर, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-कैंसर गुण भी होते हैं. ऐसे में इस सब्जी को खाना बड़ों के साथ-साथ बच्चों और युवाओं के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.
हालांकि किसी भी चीज का अधिक सेवन खतरनाक साबित होता है. भिंडी में भले ही स्वास्थ्य को फायदा देने वाले कई गुण हैं, लेकिन इसका ज्यादा सेवन आपको तमाम शारीरिक परेशानियों से दो-चार कर सकता है.
भिंडी को बहुत ज्यादा खाने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम्स, गैस ऐंठन, सूजन और दस्त की समस्या पैदा हो सकती है. भिंडी में ऑक्सालेट्स की मात्रा ज्यादा होती है, जो किडनी की पथरी के खतरे को भी बढ़ा सकती है.
अगर किसी को किडनी से जुड़ी कोई बीमारी है तो उसे भिंडी को खाने से बचना चाहिए या डॉक्टर से सलाह लेकर इसका सेवन करना चाहिए. यही नहीं, अगर आपको किडनी और गॉल ब्लैडर में स्टोन यानी पथरी है तो भी भिंडी आपको नुकसान पहुंचा सकती है.
अगर आप ज्यादा भिंडी खाते हैं तो आपको एसिडिटी और ब्लोटिंग की दिक्कत हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें काफी ज्यादा मात्रा में फाइबर होता है. यही वजह है कि इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाना चाहिए. जिन्हें पहले से ही गैस या ब्लोटिंग की परशानी है, उन्हें भी इस सब्जी से बचना चाहिए.
भिंडी को ज्यादा तेल में पकाकर खाने से बचें. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि फिर आपके कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने की संभावना तेज हो जाएगी. भिंडी को कम तेल में और कम मसालों के साथ पकाया जाना चाहिए.
अगर आपका डाइजेशन सिस्टम कमजोर है या आप साइनस और खांसी की समस्या से जूझ रहे हैं तो भिंडी खाने से परहेज करें. इस सब्जी का ज्यादा सेवन दस्त का कारण भी बन सकता है.