आजकल ज्यादातर कपल्स वर्किंग होने की वजह से सिंगल बेबी रखना पसंद करते हैं ताकि वो अपने बच्चे को ज्यादा प्यार और समय दे पाएं। यूं तो हर बच्चा अपने पेरेंट्स के लिए बेहद प्यारा और खास होता है। लेकिन कई बार अकेला बच्चा होने की वजह से पेरेंट्स उसे जरूरत से ज्यादा लाड करने लगते हैं।
उसकी छोटी-छोटी जिद्द को पूरा करने लगते हैं। जिसकी वजह से बच्चा बड़ा होकर जिद्दी और बिगड़ने लगते हैं। अगर आप भी सिंगल चाइल्ड की परवरिश कर रहे हैं तो कुछ बातों का खास ख्याल रखें। अकेले बच्चे की परवरिश करते समय ध्यान रखें ये बातें-
परिवार की लें मदद- अगर आप दोनों पेरेंट्स वर्किंग हैं और बच्चे के लिए समय मुश्किल से निकाल पाते हैं तो उसकी परवरिश करते समय अपने परिवार और दोस्तों की मदद लें। ऐसा करने से आपके आसपास ना होने के बावजूद आपका बच्चा अकेलापन महसूस नहीं करेगा।
बच्चे के साथ दोस्ती- जरूरत से ज्यादा बिजी रहने वाले और बच्चों के साथ अच्छी बॉन्डिंग न रखने वाले पेरेंट्स के बच्चों के बिगड़ने का खतरा ज्यादा बना रहता है। ऐसे में आपको जरूरत है कि बच्चे के दोस्त बनकर उसके साथ दोस्त जैसा व्यवहार करें। आपके ऐसा करने से ना तो उसे अकेलापन महसूस होगा और ना ही उसके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा।
हर जिद पूरी न करें- सिंगल चाइल्ड पेरेंट्स अक्सर अपने बच्चे की हर डिमांड पूरी करने की कोशिश में लगे रहते हैं। जिसकी वजह से कई बार बच्चे जिद्दी बनने के साथ चीजों की कीमत और अहमियत नहीं समझ पाते हैं। आगे चलकर उनकी यह आदत खुद पेरेंट्स के लिए भी मुसिबत बन सकती है। ऐसे में पेरेंट्स बच्चे की हर जिद को पूरी न करें।
बनाएं इंडिपेंडेंट- सिंगल चाइल्ड पेरेंट्स का पूरा अटेंशन खुद पर होने की वजह से अपने छोटे-छोटे काम के लिए पेरेंट्स पर ही डिपेंड रहते हैं। ऐसे में बच्चे को इंडिपेंडेंट बनाने के लिए जरूरी है कि कम उम्र से ही बच्चों को अपना काम करना सिखाएं जैसे- किताबों को सही जगह पर रखना, साफ-सफाई पर ध्यान देना, नहाना, खुद से खाना जैसी आदतें।
ना डालें उम्मीदों का बोझ- अक्सर अपने इकलौते बच्चे से माता-पिता को काफी उम्मीदें रहती हैं। जो सपना वो खुद पूरा नहीं कर पाते उसकी उम्मीद का बोझ अपने बच्चे के कंधों पर डाल देते हैं। लेकिन बच्चा हमेशा पेरेंट्स की उम्मीदों पर खरा उतरे यह जरूरी नहीं होता है।
जिसकी वजह से पेरेंट्स को कई बार निराश भी होना पड़ता है। जो आगे चलकर बच्चे के लिए मानसिक तनाव का कारण भी बन सकता है। ऐसे में जरूरी है कि अपने इकलौता बच्चे से ज्यादा उम्मीद ना रखें। उसे बस अपना बेस्ट देने की सलाह और मोटिवेशन दें।