जया किशोरी ने भारतीय मां-बाप को बताया गलत, कहा बर्बाद कर रहे हैं बेटियों की जिंदगी

मोटिवेशनल स्‍पीकर जया किशोरी ने भी बच्‍चों की परवरिश को लेकर एक ऐसी बात कही है जो शायद हर पैरेंट को समझ आनी चाहिए। जया किशोरी कह रही हैं कि मां-बाप बच्‍चों के सामने बुरी तरह से लड़ते हैं और एक-दूसरे के साथ बहुत गलत तरीके से पेश आते हैं। बच्‍चों पर इसका गलत असर पड़ता है। 

जया किशोरी ने कहा जब लड़कियों अपने पिता को अपनी मां पर अत्‍याचार करते हुए देखती हैं, तो उन्‍हें लगता है कि ये नॉर्मल है। वे इस वजह से शादी तक से भागने लगी है। अगर पति-पत्‍नी की नहीं बनती, तो वे अलग हो जाएं और अपने बच्‍चों की जिंदगी को संवारने की कोशिश करें।

जया किशोरी ने कहा मां-बाप के झगड़े का बच्‍चे पर बुरा असर पड़ता है। यूके में हुई एक रिसर्च में सामने आया है कि मात्र 6 महीने के बच्‍चों के सामने मां-बाप के लड़ने से शिशु की हार्ट रेट बढ़ सकती है और उनका स्‍ट्रेस हार्मोन रिस्‍पॉन्‍स भी बढ़ जाता है।

घर बच्चों के लिए प्यार और देखभाल का आश्रय होता है। बच्चों के सामने माता-पिता के झगड़ने से अराजकता और तनाव पैदा होता है, जिससे बच्चा भयभीत, चिंतित और असहाय हो जाता है। असुरक्षा की यह भावना जीवन भर बनी रह सकती है।

बच्चे अक्सर मानते हैं कि उनके माता-पिता के झगड़े का कारण वे ही हैं और अंत में वे दोषी महसूस करते हैं। यह उनके लिए भावनात्मक रूप से कष्टकारी हो सकता है। उसका दिमाग निगेटिव सोचता है जिससे उसका काम पर ध्यान देना मुश्किल हो जाता है और शैक्षणिक प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ता है। 

माता-पिता के झगड़े असुरक्षा और अपराधबोध और शर्म की भावनाएं आपके बच्‍चे को अवांछित और अयोग्य महसूस करा सकती हैं। इससे उसके आत्म-सम्मान में कमी आती है जो उसके दीर्घकालिक व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंधों के लिए स्थायी और हानिकारक हो सकता है।

यूसीएलए द्वारा करीब 50 शोध पत्रों की की गई समीक्षा में यह निष्कर्ष निकाला गया कि जो बच्चे जोखिम भरे घरों में बड़े होते हैं, उनके वयस्क जीवन में शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे वस्‍कुलर विकार, प्रतिरक्षा विकार आदि की रिपोर्ट करने की अधिक संभावना होती है।