गोल्डन टेम्पल के अलावा भी अमृतसर में है घूमने को बहुत कुछ

अमृतसर का स्वर्ण मंदिर यानी गोल्डन टेंपल न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में रह रहे सिख धर्म के अनुयायियों के लिए भी सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। सिर्फ सिख धर्म के लोग ही नहीं बल्कि देश और दुनिया से बड़ी संख्या में दूसरे धर्म के लोग भी पर्यटक तो कभी श्रद्धालु बनकर मत्था टेकने आते रहते हैं। 

अमृतसर भले ही स्वर्ण मंदिर के लिए प्रसिद्ध हो लेकिन इस शहर में और भी कई चीजें हैं जो देखने लायक हैं। लिहाजा अगर आप कभी अमृतसर घूमने का प्लान बनाएं तो इन जगहों पर जाना न भूलें। खास बात यह है कि ये सभी जगहें स्वर्ण मंदिर के आसपास ही स्थित हैं...

हरमंदिर साहिब : स्वर्ण मंदिर, जिसे हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है। दुनिया में सबसे प्रसिद्ध गुरुद्वारों में से एक और सिखों के लिए सबसे पवित्र मंदिर है। यह मंदिर शांत पवित्र जल कुंड के बीच स्थित है। हरमंदिर साहिब की बाहरी दीवारें सोने से तो भीतरी दीवारों में मीनाकारी, कांच व कीमती पत्थर से कारीगरी की गई है। हरमंदिर साहिब 24 घंटे खुला रहता है।

जलियांवाला बाग: स्वर्ण मंदिर से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जलियांवाला बाग, जहां अंग्रेजों ने सभा कर रहे निहत्थे भारतीयों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं और सैकड़ों बेगुनाह लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। यह घटना 13 अप्रैल 1919 को हुई थी। 1951 में इस जगह पर उस हत्याकांड की याद में एक स्मारक बनाया गया था। 

वाघा बॉर्डर :  à¤¸à¥à¤µà¤°à¥à¤£ मंदिर से करीब 30 किलोमीटर दूर है वाघा बॉर्डर। भारत और पाकिस्तान के बीच का यह एक मात्र सड़क मार्ग है। बीटिंग रिट्रीट और चेंज ऑफ गार्ड सेरेमनी को देखने यहां हर रोज बड़ी संख्या में पर्यटकों के साथ ही आम लोग भी पहुंचते हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों के जवान यहां पूरे उत्साह के साथ अपनी देशभक्ति का प्रदर्शन करते हैं।

दुर्गियाना मंदिर: स्वर्ण मंदिर से करीब 1.5 किलोमीटर दूर है प्रसिद्ध मंदिर दुर्गियाना मंदिर है जो बाहर से देखने में स्वर्ण मंदिर की ही नकल लगता है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है साल 1908 में हरसई मल कपूर ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। 

महाराजा रंजीत सिंह म्यूजियम: यह खास म्यूजियम लायन ऑफ पंजाब के नाम से मशहूर महाराजा रंजीत सिंह को समर्पित है। म्यूजियम में उन की बहादुरी और शौर्य से भरपूर गतिविधियों को दिखाया गया है।  à¤‡à¤¸à¤•े अलावा यहां लाइंट ऐंड साउंड शो भी होता है जिसका साउंड इफेक्ट आपको किसी वास्तविक युद्ध की याद दिलाता है।

राम तीर्थ मंदिर : अमृतसर का श्रीराम तीर्थ मंदिर के लिए ऐसी मान्यता है कि, भगवान राम ने जब माता सीता का परित्याग कर दिया था तब वाल्मीकिजी ने सीताजी को इसी स्थान पर अपने आश्रम में आश्रय दिया था और यहीं पर लव और कुश का जन्म हुआ था.  à¤®à¤¹à¤°à¥à¤·à¤¿ वाल्मीकि ने रामायण की रचना भी यहीं पर की थी. यहां वाल्मीकि की 8 फीट ऊंची गोल्ड प्लेटेड प्रतिमा की स्थापित है.

गोबिंदगढ़ किला : इस किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में महाराजा गुज्जर सिंह भंगी ने करवाया था. यह किला बहुत है फेमस और हेरीटेज है यहां पर ऐतिहासिक चीजें देखने को मिल जाएंगी. साथ ही अगर आप ऐतिहासिक चीजों को देखने के लिए उत्सुक हैं तो यह जगह आपके लिए ही बनी है. यहाँ पंजाबी संस्कृति के कई आकर्षणों और ढाबों के व्यंजनों का आनंद उठा सकते हैं।

पार्टीशन म्यूजियम : पार्टीशन म्यूजियम भारत-पाकिस्तान के विभाजन से संबंधित स्मृतियों और इतिहास का एक अनूठा संग्रहालय हैI इस संग्रहालय में पर्यटकों  à¤•ो विभिन्न प्रकार की गैलरियों के माध्यम से भारत-पाकिस्तान विभाजन की कहानियों को देखने का अवसर मिलता हैI

जामा मस्जिद खैरूद्दीन : इस बड़ी मस्जिद का देश की स्वतंत्रता संग्राम से गहरा संबंध है। चार मीनारों और तीन गुंबदों से सुसज्जित, यह वास्तुकला की इस्लामी शैली का एक अच्छा उदाहरण है। यहां से 5 मिनट की दूरी पर है हाल बाजार।

हॉल बाज़ार : अमृतसर के सबसे पुराने और जाने-माने बाजारों में से एक हॉल बाजार खरीदारों के लिए बेहद खास है। यहां आपको फुलकारी काम के साथ डिजाइनर पोशाक मिलेगी जो की यहां की सबसे फेमस पोशाकों में से एक है।