खुद को कम आंकने की आदत कर देगी करियर बर्बाद, ऐसे करें सुधार

कई लोग तनावपूर्ण कार्य वातावरण से जूझते हैं। कभी-कभी जब वे अपनी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाते तो खुद को कम आंकने लगते हैं। अपने आप को महत्वहीन समझने की ये आदत निराशा से जुड़ी होती है। 

ऐसी भावनाएं अधिकतर अवसाद (डिप्रेशन) का सामान्य लक्षण होती हैं। खुद के प्रति बहुत आलोचनात्मक होना करियर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। आइए जानते हैं उम्मीदवार इस स्थिति का सामना कैसे कर सकते हैं।

नकारात्मक विचारों को दूर करें जो लोग खुद को कम आंकते हैं, वे नकारात्मक विचारों से घिरे रहते हैं। वे खुद से नकारात्मक चर्चा करते हैं जैसे कि मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाऊंगा, मैं बहुत कमजोर हूं।

लोगों को ऐसी नकारात्मक चर्चाओं से बचना चाहिए। जब भी ऐसे विचार आए तो तुरंत अपने आप को किसी दूसरे काम में व्यस्त करें। अपने आप से कहें कि आप आगे की योजना बनाएंंगे, अधिक शोध करेंगे और बेहतर काम करेंगे।

सकारात्मक गुणों की सूची बनाएं अपनी आलोचनात्मक आंतरिक आवाज से छुटकारा पाने के लिए अपने सभी सकारात्मक गुणों की सूची बनाएं। इसमें उन स्थितियों के बारे में भी लिखें जो काफी चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन आपने मेहनत कर अपने लक्ष्यों को हासिल किया था।

इस सूची को प्रतिदिन कुछ समय के लिए पढ़ें, फिर साप्ताहिक रूप से पढ़ें और उसके बाद आत्म संदेह के क्षणों में इसे देखें। आप मित्रों या परिवार के सदस्यों को भी इस सूची में कुछ जोड़ने के लिए कह सकते हैं।

खुद के सुधार पर काम करें अधिकांश लोग कुछ कमी होने पर ही अपने आप को कम आंकते हैं। ऐसे में अपनी मुख्य नकारात्मक चीजों की सूची बनाएं। ये पता लगाने का प्रयास करें कि आप अपनी कमजोरियों को कैसे सुधार सकते हैं और सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

इसके अलावा अपने दोस्तों या परिवार के सदस्य से मदद मांग सकते हैं। अपना लक्ष्य निर्धारित करें और लगातार अभ्यास करें। जब आप लगातार अभ्यास करेंगे तो हर काम में बेहतर हो सकेंगे।

अपमानजनक बातें न कहें अपने आप को महत्वहीन समझने वाला व्यक्ति अक्सर दूसरों के सामने खुद के लिए अपमानजनक बातें कह देता है। ऐसा करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है। अपने आप को याद दिलाएं कि क्या आप ऐसी कठोर बातें किसी दूसरे व्यक्ति के लिए कहेंगे।

खुद को समझाएं कि ज्यादा आलोचना आपके लिए कितनी घातक हो सकती है। अपने आप के बारे में सोचें और आत्मसंदेह होने पर कठोर बातों की जगह सकारात्मक बातें कहें।

लोगों की बातें न सुने  लोगों की प्रतिक्रिया पर काम करना अच्छी बात है, लेकिन जरूरत से ज्यादा ध्यान देना ठीक नहीं है। कई उम्मीदवार दूसरों की नकारात्मक बातों पर ध्यान देकर खुद को कम आंकने लगते हैं। ऐसे में अपने ऊपर से दूसरों की अपेक्षाओं का दबाव कम करें।