भारत के अलग-अलग शहरों में होली का त्योहार अलग तरीके से मनाया जाता है। आइए आपको बताते हैं वो 10 जगह जहां आप होली का लुफ्त भी उठा सकते हैं और वहां की मान्यताओं के बारे में भी समझ सकते हैं-
लठमार होली बरसाना और नंदगांव में खेली जानी वाली लठमार होली विश्व भर में मशहूर है। होली के कुछ दिन पहले से ही यह शुरू हो जाती है जिसमें महिलाएं अपने पतियों को लाठी मारती हैं।
प्रयागराज की होली प्रयागराज के घाट होली पर एक अलग ही छटा बिखेरते हैं, यहां लोकनाथ चौराहे पर कपड़ा फाड़ होली खेलते है युवा, होली समारोह और गीत-गाना एक अलग ही मजा देता है।
होला मोहल्ला समारोह होला मोहल्ला खालसा के राष्ट्रीय पर्व का प्रतीक है जिसकी शुरुआत गुरु गोबिंद सिंह जी ने की थी। पंजाब के आनंदपुर साहिब में होली के अगले दिन होला मोहल्ला नाम से बड़ा मेला लगता है। इस समारोह का अपना एक अलग ही मजा है, इसमें अलग तरह की घुड़सवारी और गतका खेला जाता है।
उदयपुर की शाही होली उदयपुर, राजस्थान: उदयपुर अपनी शाही होली के लिए जाना जाता है, जहां होली पर लोक संगीत और नृत्य का भी आयोजन होता है।
राजस्थान के पुष्कर की होली राजस्थान के पुष्कर में होली के मौके पर होने वाली अनोखी ऊंटों की दौड़ और उत्सव इसे काफी अलग और खास बनाते हैं।
गोवा महाराष्ट्र की शिगमा होली महाराष्ट्र में होली को शिमगा या रंग पंचमी के नाम से जाना जाता है। यहां होली का त्यौहार एक हफ्ते तक मनाया जाता है।
जीवनसाथी तलाशने वाली होली मध्यप्रदेश के भील समुदाय में हाट का आयोजन कर जीवनसाथी को तलाशा जाता है। लड़के मांदल नामक वाद्य यंत्र बजाते हुए अपनी पसंद की लड़की को गुलाल लगाते हैं और लड़की भी ऐसा कर दे तो तलाश यहीं खत्म होती है।
अंगारों की होली कर्नाटक और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में अंगारों की होली खेली जाती है। मान्यता है कि अंगारों से होलिका की राक्षसी का अंत होता है।
पत्थर मारने वाली होली राजस्थान के बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले के आदिवासी लोग पत्थर मार होली खेलते हैं और होली की राख में दबे अंगारों पर भी चलते हैं।
शोक वाली होली राजस्थान में पुष्करणा ब्राह्राण के चोवटिया जोशी जाति में होली के दिन शोक मनाया जाता है। इसके पीछे कहानी कुछ इस तरह है कि जब एक महिला बच्चे के साथ परिक्रमा कर रही तो बच्चा आग में गिर गया इसके बाद वह भी कूद गई।