14 मार्च का शुरू हुआ खरमास आज यानि 13 अप्रैल को खत्म हो जाएगा। ऐसे में हिन्दू धर्म में कल यानि 14 अप्रैल से शुभ एवं मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. और 18 अप्रैल से शहनाइयां बजने लगेंगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 14 अप्रैल को सूर्य देव मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
सूर्य देव के मेष राशि में प्रवेश करने से सभी तरह के मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। पंचांग के अनुसार अप्रैल में सिर्फ 9 दिन तक ही शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। इसके बाद मई और जून में शादी-विवाह का कोई शुभ मुहूर्त नहीं रहेगा।
खरमास समाप्त होने के बाद शादी-विवाह, गृह प्रवेश, नए प्रतिष्ठान का शुभारंभ, मुंडन, उपनयन, विद्यारंभ, नामांकरण, अन्नप्राशन संस्कार, देव प्रतिष्ठा, गृह निर्माण का शुभारंभ, वधु प्रवेश आदि मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस समय सूर्य देव मीन राशि में विराजमान हैं जिसके वजह से मीन की संक्रांति लगने के बाद खरमास खत्म हो जाएंगे।
पांचांग के मुताबिक, 18 अप्रैल से लेकर 26 अप्रैल तक शादी के लिए अच्छा शुभ मुहूर्त है. उसके बाद 29 अप्रैल से लेकर 5 जुलाई 2024 तक शुक्र ग्रह अस्त हो जाएंगे. ऐसी मान्यता है कि शुक्र देव के अस्त होने से शादी-विवाह पर रोक लग जाती है.
क्योंकि शादी-विवाह के लिए सबसे शुक्र और गुरु की स्थिति अच्छी होनी चाहिए. गुरु बृहस्पति भी मई में अस्त हो जाएंगे. दोनों ग्रहों के अस्त होने या खराब होने से शादी-विवाह संपन्न नहीं होता है.
अप्रैल में 9 दिन शादी के शुभ मुहूर्त हैं। अप्रैल में 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25, 26 इन 9 दिनों में शादी के शुभ मुहूर्त हैं।
हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि शादी-विवाह और सगाई जैसे शुभ कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त को शुभ माना जाता है. अगर किसी के विवाह की तारीख नहीं निकल पा रही है या फिर किसी कारण से शुभ मुहूर्त वाले दिन विवाह करना संभव न हो तो अबूझ मुहूर्त में भी शादी की जा सकती है.
धर्मग्रंथों के अनुसार अक्षय तृतीया, बसंत पंचमी और देव प्रबोधिनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त माना गया है. इसलिए इन मुहूर्तों में शादी-विवाह जैसे कार्यक्रम किए जा सकते हैं.