Haryana Weather Update: इन दिनों पूरा उत्तर भारत कड़ाके की ठंड की चपेट में है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजधानी दिल्ली समेत आसपास के राज्यों में शीतलहर का असर देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि इस हफ्ते शीतलहर और ठंड से राहत मिलने की संभावना बनती नजर नहीं आ रही है। गुरुवार का दिन दिल्ली वालों के लिए सीजन का सबसे सर्द दिन रहा।
मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ के चलते सात जनवरी से उत्तर-पश्चिम भारत से हालात सुधरने शुरू होंगे। पहाड़ों से आती बर्फीली हवाओं ने मैदानी क्षेत्र में लोगों को घर में दुबकने को मजबूर कर दिया। तापमान में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार हरियाणा में आज शीत लहर का असर देखने को मिलेगा। शीत लहर की स्थिति बनी रहने तथा अलसुबह गहरी धुंध या कोहरा छाए रहने की संभावना है।इस दौरान राज्य में उत्तरी व उत्तरपश्चिमी शीत हवाए चलने से रात्रि तापमान में भी गिरावट आने की भी संभावना है। परंतु पश्चिमिविक्षोभ के आंशिक प्रभाव से 7 व 8 जनवरी को बीच बीच में आंशिक बादल तथा रात्रि तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने की संभावना है।
Time of issue:0540 IST ; Date of issue: 06.01.2023
Region of Dense to very Dense fog over Punjab , Haryana & Chandigarh as seen in latest satellite imagery . Driving with extreme caution is suggested. pic.twitter.com/crQmuSvwYd— IMD Chandigarh (@IMD_Chandigarh) January 6, 2023
कोहरा कैसे बनता है
लगातार बढ़ती ठंड के बीच कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मौसम विज्ञान विभाग की ओर से बताया गया कि सर्द ऋतु में पृथ्वी की ऊपरी सतह के तापमान कम होने पर हवा में उपस्थित जलवाष्प संतृप्त होने पर संघनित होकर जल की सूक्ष्म बूंदों में परिवर्तित हो जाते हैं । ये सूक्ष्म बूंदे वायुमंडल में उपस्थित धूल मिट्टी व प्रदूषक तत्व जो न्यूक्लिआई के रूप में संघनन करने में सहायक होते है उनसे मिलकर दृश्यता को कम कर देते हैं तथा आसपास की ठंडी हवा के सम्पर्क में आने पर इनका स्वरूप धुएं के बादल जैसा बन जाता है। वायुमण्डल में अधिक नमी होने पर यह घने कोहरे का रूप ले लेता है तथा इस स्थिति में दृश्यता एक किलोमीटर से भी काफी कम हो जाती है कभी कभी यह दृश्यता 50मीटर से भी कम हो जाती है। जब कोहरे के साथ धुँए का मिश्रण होता है तो उसे स्मॉग कहा जाता है। यह ओधोगिक और शहरी क्षेत्रों में जलकणों के साथ धूल एवम प्रदूषक तत्वों के मिश्रण से अधिक तीव्रता से बनता है। धुंध व बादल बनने की प्रक्रिया एक जैसी होती है यदि धरती के नजदीक यह हो तो धुंध तथा अधिक ऊंचाई पर बने तो बादल कहा जाता है।