Friday, April 19, 2024
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सतीश कौशिक के निधन से हरियाणा में शोक की लहर 

Satish Kaushik: हिंदी सिनेमा जगत के पॉपुलर निर्देशक और एक्टर सतीश कौशिक (Satish Kaushik) अब दुनिया में नहीं रहे। आज सुबह हार्ट अटैक आने के कारण उनका निधन हो गया। वो 66 साल के थे। सतीश कौशिक के निधन से पूरे हिंदी सिनेमा जगत में शोक की लहर छा गई है। हर कोई उनके निधन की खबर पर दुख व्यक्त कर रहा है। वहीं सतीश कौशिक के निधन से हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में चारों ओर सन्नाटा छा गया है। महेंद्रगढ़ जिले के कनीना उपमंडल का गांव धनौंदा सतीश कौशिक का पैतृक गांव है। अचानक से उनका निधन हो  जाने से पूरे धनौंदा गांव में शोक की लहर छा गई है।

ब्राह्मण परिवार में हुआ था सतीश कौशिक (Satish Kaushik) का जन्म 

सतीश कौशिक का जन्म धनौंदा गांव के ब्राह्मण परिवार में हुआ था। सतीश को अपने गांव से गहरा लगाव था। वो हर साल बचपन में गर्मियों की छुट्टियों में गांव में आते थे। वह अपने गांव के लोगों से बहुत स्नेह करते थे। सतीश कौशिक हर साल गांव धनौंदा में सामाजिक कार्यों में भाग लेते थे और अपने बचपन के साथियों के साथ पूरे गांव में घूमते थे। परिवार में सतीश कौशिक के 6 भाई-बहन हैं। उनके दो बड़े भाइयों में ब्रह्म प्रकाश कौशिक व अशोक कौशिक और तीन बहनों में सरस्वती देवी, शकुंतला देवी और सविता देवी शामिल है। उनके दोनों भाई मुंबई में ही रहते हैं।

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सतीश कौशिक के ताऊ गोवर्धन लाल का परिवार आज भी गांव में रहता है। यहां उनके चचेरे भाई सुभाष कौशिक के घर सुबह से लोगों के आने-जाने का सिलसिला लगा हुआ है।

साल में एक बार जरुर आते थे गांव

सतीश कौशिक के चचेरे भाई सुभाष कौशिक ने बताया कि उनके चले जाने से सबसे अधिक क्षति उनको हुई है, क्योंकि वह उनका विशेष ध्यान रखते थे। गांव में साल में एक बार अवश्य आते थे और यहां वे बाजरे की रोटी सरसों का साग बड़े प्यार से खाते हैं। गांव में आने पर ऊंट गाड़ी पर बैठकर बहुत खुश होते थे।

सतीश कौशिक के बचपन के एक दोस्त ने बताया कि  वह बचपन में गर्मियों की छुटि्टयों में गांव आता तो हम दिनभर पूरे गांव में घूमा करते। बचपन में हमने गुल्ली-डंडा, कबड्डी और कुश्ती खूब खेली। गांव में बने बाबा दयाल के जोहड़ के पास जाकर हम पील खाया करते थे। गांव में लगे जाल के पेड़ों पर हमने खूब मौज-मस्ती की है। अभी तो उसका वजन काफी बढ़ गया था लेकिन बचपन में वह दुबला-पतला ही होता था और झट से पेड़ पर चढ़ जाया करता था।

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सतीश कौशिक ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से गांव को एक करोड़ रूपये की ग्रांट दिलवाई थी जिससे गांव में काफी विकास हुआ था।

 

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