Friday, April 26, 2024
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PGI रोहतक में नहीं होगी छात्रों से रैगिंग, जारी हुई ये सुविधा

PGI के डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने एंटी रैगिंग के नाम से जारी किया ऐप, ऐप पर दर्ज होगी शिकायत, कमेटी सीधे छात्र से करेगी बात, छात्रों को एप के बारे में किया गया जागरूक

रोहतक। PGI रोहतक में अब किसी भी छात्र के साथ सीनियर रैगिंग नहीं कर सकेंगे। अगर किसी भी छात्र के साथ संस्थान में रैगिंग होती है तो उसे शर्मिंदा होने की या किसी के पास जाकर इसे बताने की जरूरत नहीं है। रैगिंग जैसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए इस पर सख्ती के लिए PGI के डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने एंटी रैगिंग के नाम से एक ऐप जारी किया है। जिसे संसथान के सभी छात्रों को डाउनलोड करने के लिए कहा गया है। इसमें किसी भी पीड़ित छात्र या छात्रा रैंगिंग की शिकायत दर्ज करते ही सीधे कमेटी के पास जाएगी और उसे तुरंत रैंगिंग से निजात मिलेगी।

डीसीआई के एंटी रैगिंग कमेटी के चेयरमैन डॉ. एसके कथारिया का सम्मान करते हुए

डेंटल कॉलेज के ऑडिटोरियम में एंटी रैगिंग पर जागरूकता के लिए व्याख्यान आयोजित किया गया। जिसमें प्रथम और द्वितीय वर्ष के स्टूडेंट शामिल हुए। इसमें डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय तिवारी ने बताया कि पहली बार रैगिंग की रोकथाम के लिए ऐप जारी किया गया है। इसमें डेंटल काउंसलिंग ऑफ इंडिया ने ऐप को मेडिकल स्टूडेंट के लिए सार्वजनिक कर दिया है। छात्र-छात्राएं गूगल प्ले स्टोर से इसे डाउनलोड कर सकते हैं।

ऐप को इस तरह से बनाया गया है कि रैगिंग होने पर छात्र ऐप पर अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे। जिसमें छात्र को अपना विवरण दर्ज करना होगा। इसके बाद यह शिकायत डीसीआईसी की एंटी रैगिंग कमेटी के पास पहुंच जाएगा। शिकायत दर्ज करने के तुरंत बाद ही कमेटी शिकायत पर एक्शन लेगी। वह सीधे छात्र से बात करेगी। दूसरे छात्र को दोषी पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई करेगी। एंटी रैगिंग कमेटी के चेयरमैन डॉ. एसके कथूरिया ने कहा कि रैगिंग करना अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए रैगिंग करने से बचना चाहिए। पीजीआईएमएस रैगिंग फ्री कैंपस है।

डीसीआई के एंटी रैगिंग कमेटी के चेयरमैन डॉ. एसके कथारिया का सम्मान करते हुए

डॉ. एसके कथारिया ने कहा कि हमें चिकित्सा क्षेत्र में जाने का सौभाग्य भगवान ने प्रदान किया है, तो हमारी भी देश के प्रति जिम्मेदारी बनती है कि अच्छे डॉक्टर बनकर देश के नागरिकों की सेवा करें। हमेशा अपने मरीजों, सहयोगियों व छात्रों से विनम्र स्वभाव के साथ पेश आना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो व्यवहार हम अपने घर में भाई-बहन से नहीं कर सकते वह दूसरों के साथ भी न करें।

उन्होंने कहा कि रैगिंग करना अपराध है। अपना कार्य दूसरों से करवाना व दूसरों को रैगिंग के लिए उकसाना भी रैगिंग की श्रेणी में आता है। किसी व्यक्ति को उसके नाम से ना बुलाकर उसको किसी अन्य नाम या उसकी जाति से बुलाना भी रैगिंग में शामिल है। सोशल मीडिया के माध्यम से अपने जूनियर को फोन या मैसेज करके बुलाना या उसे अपने किसी कार्य के लिए बोलना रैगिंग में पक्का सबूत माना जा सकता है।

डॉ. एसके कथारिया ने कहा कि हमें रैगिंग करने से बचना चाहिए, ताकि भविष्य में पछताना ना पड़े। हमेशा जूनियर को अपने छोटे भाई बहनों की तरह रखना चाहिए। यदि किसी विद्यार्थी के साथ रैगिंग होती है तो वह यूजीसी को फोन, मेल इत्यादि के माध्यम से संपर्क कर सकता है या एंटी रैगिंग ऐप पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। जिसके बाद उसका नाम गुप्त रखकर कार्यवाही की जाती है। रैगिंग में शामिल विद्यार्थी के खिलाफ एफआईआर सहित उसके दाखिले को रद्द किया जा सकता है।

एंटी रैगिंग पर जागरूकता के लिए व्याख्यान के दौरान पब्लिक हेल्थ डेंटिसटरी विभागाध्यक्ष डॉ. मंजूनाथ बीसी, डॉ. आरके शर्मा, डॉ. अनीता हुड्‌डा, डॉ. मन्नू राठी, डॉ. शिखा तिवारी, डॉ. विरेंद्र, डॉ. महेश गोयल, डॉ. पंकज गहलोत, डॉ. हरनीत सिंह आदि उपस्थित रहे।

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