Thursday, March 28, 2024
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रोहतक की किशोरी यमुना नदी में डूबी, आमवस्या पर नहाने गया था परिवार

आशा के यमुना में डूबने के बाद श्रद्धालुओं में रोष है। उनका कहना है कि यमुना नदी पर मिमारपुर में पवित्र स्थान बनाया गया है। हर साल दूर दराज से लोग स्नान करने के लिए घाट पर पहुंचते हैं। यमुना नदी के किनारे पक्का घाट न होने के कारण और लगातार खनन होने के कारण यमुना नदी में गहरे गड्ढे बने हुए हैं।

सोनीपत। रोहतक से अमावस्या पर सोनीपत युमना नदी पर नहाने पहुंचे परिवार को नहीं पता था कि जिस पवित्र स्नान की चाह में जा रहे हैं वहां हादसा उनका इंतजार कर रहा है। यमुना नदी के मिमारपुर घाट पर 16 वर्षीय आशा ने देखा उसका छोटा भाई डूब रहा है। उसने अपने छोटे भाई को बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी। उसने भाई को बचा लिया और खुद डूब गई।

मामले का पता लगते ही हड़कंप मच गया। आनन फानन में परिजनों ने गोताखोरों को बुलाने के साथ ही स्वयं भी उसकी तलाश शुरू कर दी है। पांच निजी गोताखोर भी बच्ची की तलाश कर रही है। लेकिन अभी तक किशोरी का कुछ पता नहीं चला है। पुलिस ने भी प्रशासन को अवगत कराकर चार गोताखोर और बुलाए हैं।

बताया गया है कि शुक्रवार को ज्येष्ठ की अमावस्या पर यमुना स्नान का बड़ा महत्व माना जाता है। इसी वजह से काफी लोग यमुना घाट पर पहुंचते हैं। रोहतक के गांव जिंदरान निवासी राजेराम के पांच बच्चे बड़ी बेटी तुलसी, उससे छोटी खुशी, तीसरे नंबर की आशा, उससे छोटा भाई आशीष व सबसे छोटा अंशु को लेकर स्नान करने यमुना जी पर पहुंचा था। राजाराम के परिवार के करीबन 20 सदस्य और भी नहाने के लिए यमुना नदी पर पहुंचे थे। सभी स्नान कर रहे थे तभी सबसे छोटा अंशु यमुना में गहरे पानी में चला गया। आशा उसे बचाने के लिए यमुना में गहरे तक चली गई। वह अंशु को गहरे पानी से खींच कर ले आई लेकिन खुद को पानी के बहाव से नहीं बचा पाई और बह गई।

उसके बाद भाई-बहनों ने शोर मचाया तो परिवार के अन्य सदस्य व आस पास स्नान कर रहे श्रद्धालु एकत्रित हो गए। मौके पर परिजनों ने भी आशा को बचाने का काफी प्रयास किया लेकिन बचा नहीं पाए। परिवार के सदस्यों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन सुराग नहीं लगा। मामले की सूचना पुलिस को दी। साथ ही गांव में जिंदरान में घटना से अवगत कराया। इस पर गांव में मौजूद राजेराम और अन्य ग्रामीण भी यमुना पर पहुंच गए है। अभी आशा की तलाश की जा रही है। परिजनों ने पांच निजी गोताखोर बुलाए है। मुरथल थाने से एएसआई संदीप कुमार की टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने प्रशासन को अवगत कराकर चार गोताखोर भेजने को कहा है। किशोरी की तलाश की जा रही है।

आशा के यमुना में डूबने के बाद श्रद्धालुओं में रोष है। उनका कहना है कि यमुना नदी पर मिमारपुर में पवित्र स्थान बनाया गया है। हर साल दूर दराज से लोग स्नान करने के लिए घाट पर पहुंचते हैं। यमुना नदी के किनारे पक्का घाट न होने के कारण और लगातार खनन होने के कारण यमुना नदी में गहरे गड्ढे बने हुए हैं। श्रद्धालु स्नान के दौरान अचानक गहरे गड्ढों में फंस जाते हैं। इसी वजह से हादसे हो जाते हैं।

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