Saturday, April 20, 2024
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रोहतक कोर्ट ने दुष्कर्म और छेड़खानी के मामलों में सुनाई सजा, एक 10 तो दूसरा 3 साल कटेगा जेल

एडीजे नरेश कुमार की अदालत ने कल दुष्कर्म और छेड़खानी के दो मामलों में सजा सुनाई है। छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी को 10 साल की तथा इलाज करवाने आई नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले डॉक्टर को तीन साल की सजा सुनाई है।

रोहतक। मंगलवार को रोहतक कोर्ट में एडीजे नरेश कुमार की अदालत ने दुष्कर्म और छेड़खानी के दो मामलों में सजा सुनाई है। पहले मामले में झज्जर रोड पर स्कूल में आठवीं का पेपर देने गई छात्रा का अपहरण कर यौन उत्पीड़न के आरोपी यूपी के बरेली स्थित फतेहगंज निवासी सन्नी को अदालत ने मंगलवार को दोषी करार दिया है। एडीजे नरेश कुमार की अदालत ने दोषी को 10 साल की कैद और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर ढाई माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। वहीँ दूसरे मामले में डाक्टर को तीन साल की सजा सुनाई गई है जिस पर नाबालिग मरीज के साथ छेड़छाड़ का आरोप था।

पुलिस के मुताबिक 2019 में एक व्यक्ति ने सिटी थाने में शिकायत दी कि उसकी बेटी आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। वह परीक्षा देने के लिए ऑटो से झज्जर रोड स्थित स्कूल में गई। परीक्षा देने के बाद घर नहीं लौटी। उसे शक है कि यूपी के बरेली निवासी सन्नी बहला-फुसलाकर ले गया है। जो शहर में ही मीट की दुकान पर काम करता था। पुलिस ने नाबालिग के अपहरण का मामला दर्ज कर आरोपी की तलाशी की। लड़की को बरामद कर अदालत में बयान दर्ज कराए। इसके बाद मेडिकल करवाकर केस में दुष्कर्म की धारा और 6 पॉक्सो एक्ट भी जोड़ा गया।

तभी से जिला अदालत में आरोपी के खिलाफ केस की सुनवाई चल रही थी। मंगलवार को अदालत ने अपहरण की धाराओं के तहत तीन-तीन साल की कैद, 500-500 रुपये जुर्माना, जुर्माना न भरने पर 15-15 दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। दुष्कर्म की धारा और 6 पॉक्सो एक्ट के तहत 10-10 साल की कैद व दो-दो हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। जुर्माना न भरने पर दो-दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।

नाबालिग से छेड़खानी में डॉक्टर को तीन साल की कैद

मंगलवार को नाबालिग से छेड़छाड़ के दोषी को रोहतक एडिशनल सेशन कोर्ट ने सजा सुनाई है। रोहतक के एडिशनल सेशन जज नरेश कुमार की कोर्ट ने नाबालिग से छेड़छाड़ के दोषी एक डॉक्टर को तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर जुर्माना भी किया गया है। जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त सजा भी दोषी को देनी होगी। गौरतलब है कि 7 जनवरी 2020 को लाखनमाजरा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज हुई थी। पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले एक क्षेत्र की महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 7 जनवरी को उसकी 16 वर्षीय बेटी की तबीयत अचानक ही खराब हो गई थी। जिसके बाद उसे इलाज के लिए एक नजदीकी प्राइवेट क्लीनिक में ले जाया गया था। क्लीनिक में मौजूद डॉक्टर ने नाबालिग को तो अंदर बैठा लिया, लेकिन उसके परिजनों को बाहर भेज दिया। कुछ ही देर बाद नाबालिग की चीखने की आवाज सुनाई दी तो परिजन अंदर गए।

नागालिग ने परिजनों को बताया कि डॉक्टर ने उसके साथ गलत हरकत की है और इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। लाखनमाजरा पुलिस स्टेशन में महिला की शिकायत पर डॉक्टर के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 ए, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया। बाद में आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार भी कर लिया गया था। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। तभी से यह मामला कोर्ट में चल रहा था। वहीं, लाखनमाजरा पुलिस स्टेशन के एसएचओ रणबीर सिंह ने बताया कि एडिशनल सेशन जज नरेश कुमार की कोर्ट ने प्राइवेट क्लीनिक के डॉक्टर को दोषी ठहरा दिया है। कोर्ट ने धारा 354 ए, 506 व पॉक्सो एक्ट में दोषी डॉक्टर को 3-3 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 500-500 रुपये का जुर्माना भी किया गया है। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को 15-15 दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

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