Friday, April 19, 2024
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राम रहीम पर फिर लगे धार्मिक भावना आहत करने के आरोप, हाईकोर्ट पहुंचा डेरामुखी

राम रहीम के खिलाफ पंजाब के जालंधर में हुई एक एफआईआर को रद्द कराने को लेकर डेरा सच्चा सौदा हाईकोर्ट में पहुंचा है। डेरा सच्चा सौदा के अनुसार श्री गुरु रविदास महाराज और सतगुरु कबीर महाराज जी की जिस साखी को लेकर विवाद हो रहा है, वह पवित्र ग्रंथों में दर्ज है।

चंडीगढ़। राम रहीम की मुश्किलों में एक और इजाफा हो गया है। उन पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप लगे हैं। इसकी वजह से पंजाब के जालंधर में श्री गुरु रविदास महाराज और सतगुरु कबीर महाराज जी की जिस साखी को लेकर टिप्पणी करने पर राम रहीम पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसी को लेकर डेरा सच्चा सौदा जालंधर में दर्ज हुई FIR के खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच चुका है। आज इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई होने जा रही हैं।

डेरा सच्चा सौदा का दावा है कि उनके खिलाफ तथ्यों के उल्ट झूठी एफआईआर दर्ज करवाई गई है, जिस वीडियो को आधार बनाया गया है, उस वीडियो को पूरा देखा ही नहीं गया है, बल्कि आधी अधूरी बात सुनकर एफआईआर (FIR) दर्ज करवा दी गई। डेरा सच्चा सौदा की तरफ से इस एफआईआर को रद्द करने की मांग पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट से की जा रही है। इस पिटीशन पर आज पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम ने धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में जालंधर में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में बुधवार को याचिका दाखिल की है। याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार सहित अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। राम रहीम ने याचिका दाखिल करते हुए बताया कि गुरु रविदास टाइगर फोर्स नामक संगठन के मुखिया की शिकायत पर उस पर धार्मिक भावनाएं आहत करने की सात मार्च को एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप के अनुसार याची ने गुरु रविदास महाराज और सतगुरु कबीर महाराज के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और इससे समुदाय के लोगों में काफी रोष है।

एफआईआर में वीडियो का जिक्र है जिसमें सत्संग के दौरान राम रहीम गुरु रविदास महाराज और सतगुरु कबीर महाराज की कथा सुनाते नजर आ रहे हैं। याचिका में कहा गया कि गुरु रविदास महाराज और सतगुरु कबीर महाराज की जिस कथा को लेकर विवाद है वह पवित्र ग्रंथों में दर्ज है। याची ने तो इस कथा को केवल पढ़ा था। जिस वीडियो को एफआईआर का आधार बनाया गया है वह अधूरी है। इसे पूरा देखने के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि याची गलत है या सही। याची ने एफआईआर को पूरी तरह से गलत बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की है। याची ने कहा कि उसके खिलाफ तथ्यों के तोड़ मरोड़ कर एफआईआर दर्ज कराई गई है।

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