Punjab, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा (Finance Minister Harpal Singh Cheema) ने पंजाब पुलिस के लिए बजट में 10523 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है, जो कि पुलिस कार्यों के विकास पर खर्च किया जाएगा. आपको बता दें कि पंजाब की पुलिस देशभर में तीसरे स्थान पर गिनी जाती थी, लेकिन अब पंजाब पुलिस 12 वें स्थान पर आ चूकी है.
जिसका कारण यह है कि आतंकवाद के खात्मे के बाद पंजाब पुलिस पर अधिक पैसा खर्च नहीं किया गया. पंजाब पुलिस को और मजबूत बनाने के लिए फंड की जरूरत पड़ रही है.
पाकिस्तान की सीमा से पंजाब सटा होने के कारण आए दिन कोई न कोई घटना घटती रहती है जिसकारण पैसों का खर्च लगा रहता है. एक रिकॉर्ड के अनुसार हर साल औसतन 700 हत्याएं, 1650 अपहरण व 8 हजार के करीब चोरियां होती हैं. पाकिस्तान से हेरोइन की तस्करी की जाती है और 700 किलो हेरोइन हर साल पुलिस बरामद करती है.
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साथ ही आईएसआई का सॉफ्ट टारगेट पंजाब रहा है, इसी कारण पिछले एक साल में 43 राइफलें, 220 रिवाल्वर, 13 टिफन इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस, 24.5 किलोग्राम आरडीएक्स और 37 हैंड ग्रेनेड, राकेट लांचर की दो स्लीवज, 22 ड्रोन बरामद किए.
पंजाब में क्षमता के मुकाबले फोर्स 60 फीसदी भी पूरी नहीं है. एक थाने में जहां 75 मुलाजिमों की जरूरत है, वहां पर महज 30 ही कार्य कर रहे हैं. लिहाजा, सत्तासीन सरकार द्वारा हर साल 1800 कांस्टेबल व 300 सब इंस्पेक्टरों को भरती करने का फैसला लिया गया है. सीमावर्ती इलाकों में पुलिस के आधुनीकिकरण की काफी जरूरत महसूस की जा रही थी.