Punjab, संविधान में महिलाओं के हक के लिए अनेक कानून बनाए गए है। ताकी वह सुरक्षित रह सके लेकिन तब क्या होगा जब महिलाएं अपने हक में बनाए गए कानून का गलत इस्तेमाल करेंगी ऐसा ही मामला ऊना से आया है। जहां एक पत्नी ने अपने पती को झूठे आरोप में फंसा कर उसे एक महीने तक जेल में बंद करवाया।
जानकारी के अनुसार विवाह के बाद पत्नी अपने मायके चली गई और वहां बच्चे को जन्म दिया. पति अपनी पत्नी और बच्चे को लेने जालंधर गया लेकिन पत्नी व उसके मायके वालों ने आने से मना कर दिया.
पत्नी ने कहा कि वह अपना ऊना स्थित क्लीनिक बंद कर जालंधर में अपनी प्रैक्टिस शुरू करे. पत्नी ने कहा कि वह संयुक्त परिवार में नहीं रह सकती है।
जब याची ने इससे मना किया तो पत्नी ने घरेलू हिंसा का केस दर्ज करवा दिया. बाद में समझौता हो गया. इसके बाद पत्नी ने पुलिस को शिकायत दी कि बिना तलाक के पति ने किसी महिला से विवाह किया है जिस कारण पति को एक माह जेल में रहना पड़ा. बाद में वह निर्दोष साबित हुआ.
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जालंधर की फैमिली कोर्ट ने इस मामले में पति की याचिका मंजूर करते हुए तलाक का आदेश दिया था. इस आदेश को चुनौती देते हुए पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी ने पति को उसके माता-पिता से दूर करने का प्रयास किया. साथ ही उसकी शिकायत की वजह से पति को जेल जाना पड़ा. ऐसे में यह क्रूरता है और पति तलाक का हकदार है.