Punjab, पंजाब के 6 जिलों रोपड़, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, संगरूर और फिरोजपुर जिलों में पिछले 24 घंटों से हो रही भारी बारिश और नदियों के उफान के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है, जिससे धान की नई फसल को नुकसान पहुंच रहा है।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और जिला प्रशासन को शामिल कर बाढ़ बचाव कार्यों को तैनात किया गया है। भारतीय सेना को भी अलर्ट पर रखा गया है। सबसे अधिक प्रभावित गांव मौसमी घग्गर नदी के किनारे स्थित हैं। ये नदी पटियाला और संगरूर जिलों से होकर गुजरती हैं। दोनों जिले 1988, 1993 और 2010 में नदी में बाढ़ के कारण प्रभावित हुए थे।
मुख्य रूप से फिरोजपुर और तरनतारन जिले के कई गांव उफनती सतलुज नदी से बुरी तरह प्रभावित हैं, जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा है और हजारों ग्रामीण छतों पर रात बिताने को मजबूर हैं। यहां तक कि भारत पाकिस्तान सीमा पर बीएसएफ की एक चेक पोस्ट भी बाढ़ में बह गई। मुख्यालय में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जा चुका है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सभी कैबिनेट मंत्रियों विधायकों और अधिकारियों को गंभीर संकट की इस घड़ी में अपने-अपने क्षेत्रों में रहने और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने के लिए कहा है।मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
मान ने कहा कि निचले इलाकों, खासकर नदियों के आसपास के इलाकों में पहले ही अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों को तब तक घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए जब तक कोई जरूरी काम न हो। उन्होंने कहा कि राज्य भर में लगातार बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है, लेकिन सरकार स्थिति पर नियमित नजर रख रही है।
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जल संसाधन मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि जलाशयों में जल स्तर में अचानक वृद्धि के साथ सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। कई स्थानों पर दौरा करने के बाद मंत्री ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए मंत्री ने कहा कि जल संसाधन विभाग द्वारा सभी तैयारियां कर ली गई हैं। मौसमी नदियों, सहायक नदियों एवं नहरों के जलस्तर की स्थिति पर नजर रखने के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को फील्ड में तैनात किया गया है।