Punjab, भगोड़ा घोषित किए जा चुके खालिस्तान समर्थक व ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह (Waris Punjab De’ Chief Amritpal Singh) की गिरफ्तारी के मामले में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने सीआरपीएफ जवानों के साथ पूरे पंजाब में फ्लैग मार्च किया।
मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पंजाब पुलिस राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के प्रावधानों के तहत अमृतपाल सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करने की योजना बना रही है।
सार्वजनिक सुरक्षा के हित में, सरकार ने सोमवार दोपहर तक वॉयस कॉल को छोड़कर एसएमएस और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का निलंबन बढ़ा दिया।
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अमृतसर के पुलिस उपायुक्त परमिंदर सिंह भंडाल ने मीडिया को बताया कि पुलिस ने वाहनों की जांच के लिए अमृतसर और शहर के बाहरी इलाकों में 100 नाके बनाए हैं। चौकियों पर पुलिसकर्मियों के साथ सीआरपीएफ के जवान भी हैं।
अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि सभी जिलों के कस्बों और शहरों में फ्लैग मार्च किया जा रहा है। शांति भंग होने की आशंका को देखते हुए, अमृतसर जिले में अमृतपाल सिंह के पैतृक गांव, जल्लुपुर खैरा के बाहर अर्धसैनिक बल की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है।
पुलिस की एक विशेष टीम, जिसमें सात जिलों के कर्मी शामिल थे, ने अलगाववादी नेता के काफिले का पीछा किया, जब वह शनिवार को जालंधर की शाहकोट तहसील जा रहा था। उन्होंने उसके वाहन पर दो से तीन बार निशाना साधा लेकिन अमृतपाल सिंह भागने में सफल रहा।