Punjab, केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि पंजाब ने आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों का प्रचार-प्रसार नहीं किया है और राज्य को धन जारी करना इन दिशानिर्देशों के अनुपालन पर निर्भर है।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 30 मई, 2018 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किए गए डिजाइन मैनुअल के अनुसार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सभी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इस साल एक फरवरी और 17 मार्च को भी इसे दोहराया गया था।
सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के ढांचे के अनुसार केंद्र के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) निष्पादित करते हैं, जो इसके तहत जारी दिशानिर्देशों के साथ राज्यों द्वारा अनुपालन को अनिवार्य करता है।
इसके अलावा, भविष्य की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को मजबूत करने के लिए कई पहल की गई हैं।
उन्होंने बताया कि 2025-26 तक 64,180 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) में बीमारियों की जल्दी पहचान के लिए गांवों और शहरों में स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों को मजबूत करके ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर पहुंच प्रदान करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य और अन्य स्वास्थ्य सुधारों में निवेश बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।
मंत्री ने बताया कि इसका उद्देश्य जिला-स्तरीय अस्पतालों में नए गहन चिकित्सा संबंधी बिस्तर को जोड़ना है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने पंजाब में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को मजबूत करने के लिए कोई नई पहल की है, पवार ने कहा कि 22 एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं (आईपीएचएल) और 21 क्रिटिकल केयर ब्लॉकों (सीसीबी) की स्थापना के लिए पीएम-एबीएचआईएम के कार्यान्वयन के लिए 2021-22 से 2025-26 के लिए पंजाब राज्य को 755.65 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
Punjab, केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि पंजाब ने आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों का प्रचार-प्रसार नहीं किया है और राज्य को धन जारी करना इन दिशानिर्देशों के अनुपालन पर निर्भर है।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 30 मई, 2018 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किए गए डिजाइन मैनुअल के अनुसार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सभी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इस साल एक फरवरी और 17 मार्च को भी इसे दोहराया गया था।
सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के ढांचे के अनुसार केंद्र के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) निष्पादित करते हैं, जो इसके तहत जारी दिशानिर्देशों के साथ राज्यों द्वारा अनुपालन को अनिवार्य करता है।
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इसके अलावा, भविष्य की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को मजबूत करने के लिए कई पहल की गई हैं।
उन्होंने बताया कि 2025-26 तक 64,180 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) में बीमारियों की जल्दी पहचान के लिए गांवों और शहरों में स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों को मजबूत करके ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर पहुंच प्रदान करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य और अन्य स्वास्थ्य सुधारों में निवेश बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।
मंत्री ने बताया कि इसका उद्देश्य जिला-स्तरीय अस्पतालों में नए गहन चिकित्सा संबंधी बिस्तर को जोड़ना है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने पंजाब में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को मजबूत करने के लिए कोई नई पहल की है, पवार ने कहा कि 22 एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं (आईपीएचएल) और 21 क्रिटिकल केयर ब्लॉकों (सीसीबी) की स्थापना के लिए पीएम-एबीएचआईएम के कार्यान्वयन के लिए 2021-22 से 2025-26 के लिए पंजाब राज्य को 755.65 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।