PM Kisan 13th Installment: केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत करोड़ों किसानों को आर्थिक सहायता दी जाती है। योजना की 12 किस्त अब तक किसानों के खाते में ट्रांसफर की जा चुकी है। अब किसानों को 13वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार है। रिपोर्ट्स की मानें तो दिसंबर के अंतिम सप्ताह या फिर नए साल के मौके पर मोदी सरकार किसानों के खातों में योजना की अगली किस्त ट्रांसफर कर सकती है। हालांकि, सरकार की ओर से 13वीं किस्तों को लेकर कोई आधिकारिक सूचना सामने नहीं आई है।
अगर आप योजना के लाभार्थी किसान हैं और चाहते हैं कि आपके खाते में समय से 13वीं किस्त के 2000 रूपये जमा हो तो आपको जल्द से जल्द भू-सत्यापन और ईकेवाईसी की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। ऐसा नहीं करने वाले किसानों की अगली किस्त रोक दी जाएगी। सरकार की ओर से योजना का गलत तरीके से फायदा उठा रहे अपात्र लाभार्थियों पर शिकंजा कसने के लिए भू-सत्यापन के प्रोसेस को अनिवार्य कर दिया गया है। लैंड वेरिफिकेशन नहीं करने वाले किसानों का योजना से नाम हटा दिया जाएगा। बता दें कि इससे पहले सरकार ने कई राज्यों के लाखों लाभार्थियों को सूची से बाहर किया है। ऐसे में जरूरी है कि आप जल्द से जल्द इन दोनों ही काम को निपटा लें। योजना की अगली किस्त आपको मिलेगी या नहीं मिलेगी यह जानने के लिए पीएम किसान योजना की वेबसाइट पर जाकर बेनिफिशियरी लिस्ट में स्टेटस चेक करना होगा। ईकेवाईसी की प्रक्रिया नजदीकी सीएससी सेंटर पर जाकर या फिर ऑनलाइन माध्यम से पूरी की जा सकती है।
ईकेवाईसी करवाने की प्रक्रिया
1. सबसे पहले पीएम किसान योजना के अधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
2. इसके बाद आप राइट साइड में दिख रहे फॉर्मर कॉर्नर के विकल्प eKYC पर क्लिक करें।
3. अब आधार कार्ड, कैप्चा कोड दर्ज करके सर्च बटन पर टैब करें।
4. इसके बाद आधार कार्ड से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दर्ज करें।
5. अब ओटीपी पाएं पर क्लिक करके, ओटीपी आने पर दर्ज कर दें।
6. इसके बाद आपके केवाईसी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के किसानों के खातों में साल में 3 किस्तों में 2-2 हजार रुपये की राशि जमा की जाती है। योजना की पहली किस्त 1 अप्रैल से 31 जुलाई, दूसरी किस्त 1 अगस्त से 31 नवंबर और तीसरी किस्त 1 दिसंबर से 31 मार्च के बीच जमा होती है। किसान सम्मान योजना के तहत अब तक किसानों के खातों में अब तक 11 किस्त जा चुकी हैं।