Thursday, March 28, 2024
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ओम बिरला देश में थैलेसीमिया के मुप्त परीक्षण के लिए पूरा जोर लगाएंगे

सर गंगाराम अस्पताल में विश्व थैलेसीमिया दिवस समारोह में बिरला ने थैलेसीमिया मुक्त भारत का आह्वान किया

धनंजय कुमार

नई दिल्लीः थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के दर्द को करीब से महसूस करने वाले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आज कहा कि वे चाहते हैं कि पूरे देश में थैलेसीमिया का सघन परीक्षण हो और वह मुफ्त हो। सर गंगाराम अस्पताल में विश्व थैलेसीमिया दिवस के अवसर पर बिरला आश्वासन दिया कि वे केंद्र सरकार के पास पूरे देश में इस रोग की मुफ्त जांच की अनुशंसा करेंगे। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि वे स्पीकर होने के नाते सभी संसद सदस्यों से अपने अपने चुनाव क्षेत्र में थैलेसीमिया स्क्रीनिंग प्रोग्राम शुरु करने की अपील करेंगे ताकि जितनी जल्दी हो सके भारत इस रोग से मुक्त हो सके।

बिरला ने कहा कि उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र राजस्थान के कोटा में इसकी शुरुआत कर दी है जहां उन्होंने थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के कष्ट को करीब से देखा है। वहीं आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मर्जी के अनुरुप हम जल्द ही सभी आनुवांशिक रोगों की पहचान के लिए रंग कार्ड सिस्टम शुरु करेंगे । केंद्र सरकार सिकल सेल एनीमिया की तरह ही थैलेसीमिया का खात्मा करने के लिए राष्ट्रीय मिशन शुरु करेगी। हम देश को अगले 25 साल में इन रोगों से मुक्त कर देंगे।   

थैलेसीमिया इंडिया के सहयोग से सर गंगा राम अस्पताल ने आज 9 मई को विश्व थैलेसीमिया दिवस पर एक समारोह आयोजित किया। समारोह के दौरान कैरियर डिटेक्शन के लिए प्वाइंट ऑफ केयर टेस्टिंग के साथ एक स्क्रीनिंग कैंप आयोजित किया गया। समारोह में भारत में पहली बार बनाए गए प्वाइंट ऑफ केयर परीक्षण उपकरण को भी लॉन्च किया गया। इस अवसर पर माननीय लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला जी जो मुख्य अतिथि थे और श्री अर्जुन मुंडा जी गेस्ट ऑफ ऑनर थे उन्होंने थैलेसीमिक बच्चों से बातचीत की और उन्हें उपहार, दवाइयां और फिल्टर वितरित किए।

थैलेसीमियाइस अवसर पर बोलते हुए श्री ओम बिरलाजी ने नेशनल स्क्रीनिंग द्वारा थैलेसीमिया को रोकने की सख्त आवश्यकता को दोहराया और कार्यक्रम को लागू करने में अपनी मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि इन रोगियों के लिए सुरक्षित रक्त प्रदान किया जाए। उन्होंने देश के सभी हिस्सों में सुविधाएं उपलब्ध कराने की जरूरत पर बल दिया।

श्री अर्जुन मुंडा ने राष्ट्रीय मिशन मोड पर रोकथाम और जांच की आवश्यकता पर बल दिया, जैसा कि आदिवासी क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया के लिए किया जा रहा है। हमें इन बीमारियों पर ध्यान देना होगा और अगले 25 सालों में इनका खात्मा करना होगा।

डॉ. अनुपम सचदेवा, हेड पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी एंड बोन मैरो ट्रांसप्लांट, सर गंगा राम अस्पताल के अनुसार,  “वर्ष 2006 से थैलेसीमिया के लिए सभी गर्भधारण की जांच की जा रही है और हमें यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि अब तक हमने 50000 से अधिक गर्भधारण की जांच की है और उस समय से कोई थैलेसीमिक बच्चा पैदा नहीं हुआ है।“

डॉ. वी. के. खन्ना, चेयरमैन, डिपार्टमेंट ऑफ़ ​पीडियाट्रिक, सर गंगा राम अस्पताल के अनुसार, “हमारी संस्था में थैलेसीमिक्स का उपचार हड्डी और स्टेम सेल प्रत्यारोपण के रूप में उपलब्ध है और हमने लगभग 200 प्रत्यारोपण किए हैं लेकिन इस बीमारी को रोकना समय की आवश्यकता है।“

डॉ. अजय स्वरूप, चेयरमैन, बोर्ड ऑफ़ मैनेजमेंट, सर गंगा राम हॉस्पिटल के अनुसार, “थैलेसीमिया के इलाज की सभी सुविधाएं हमारे अस्पताल में उपलब्ध हैं और हम अन्य संस्थानों के डॉक्टरों और नर्सों को प्रशिक्षित करने के लिए तैयार हैं।“

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