मुंबई। न दिखने में हीरो, न ही कोई रसूख, फिर भी बॉलीवुड की शॉटगन ने अमिताभ बच्चन जैसे स्टार का सिंहासन हिला दिया था। वो बॉलीवुड स्टार जिसने 225 फिल्मों में अपनी अदाओं और दमदार एक्टिंग से लोगों का दिल जीता। साधारण चेहरा और पतला शरीर भी बड़े-बड़े दिग्गजों पर भारी पड़ा। करीब 21 साल तक बॉलीवुड में राज करने के बाद राजनीतिक सफरनामा शुरू किया। इसके बाद 32 साल से राजनीति की दुनिया के भी किंग बने हुए हैं। इनकी बेटी आज बॉलीवुड की टॉप हीरोइन्स में गिनी जाती हैं। अब तक तो आप समझ ही गए होंगे हम बात कर रहे हैं शत्रुघ्न सिन्हा की.
विलेन के निभाए किरदार
शत्रुघ्न सिन्हा ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कदम जमाने के लिए खूब पापड़ बेले। एक्टिंग करियर की शुरुआत उन्होंने फिल्मों में छोटे- मोटे रोल के साथ की थी। इसके बाद भी शत्रुघ्न सिन्हा को हीरो बनने का मौका नहीं मिला। साइड रोल के बाद अभिनेता ने फिल्मों में विलेन के किरदार निभाए। शत्रुघ्न सिन्हा की गाड़ी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में धीरे- धीरे पटरी पर आने लगी। इस बीच उन्हें अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका मिला, दोनों फिल्मी जगत में संघर्ष कर रहे थे।
करियर की शुरुआत
दमदार एक्टिंग और झर्राटेदार अंदाज ने अपना कमाल दिखाया और 1970 में ‘होली आये रे’ फिल्म से करियर की शुरुआत हो गई। इसके बाद लगातार मेहनत करते रहे और चंद फिल्मों ने ही उन्हें हिट हीरो बना दिया। इतना ही नहीं ‘प्रेम पुजारी’ फिल्म ने उन्हें स्टार भी बना दिया. इसके बाद खिलौना, चिंगारी और परवाना जैसी फिल्मों ने उनके करियर को रफ्तार दी। साल 1979 में आई फिल्म ‘काला पत्थर’ में शत्रुघ्न सिन्हा अपने कोस्टार अमिताभ बच्चन पर भी भारी पड़े।
राजेश खन्ना के खिलाफ पहला चुनाव
इतना ही नहीं शत्रुघ्न सिन्हा की स्टार्डम देख अमिताभ बच्चन की स्टार्डम का भी सिंघासन डोल गया था। शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी बॉयोग्राफी में खुलकर जिक्र भी किया है। करीब 225 फिल्मों में काम कर चुके शत्रुघ्न सिन्हा ने 90 के दशक में अपनी सियासी पारी भी शुरू कर दी।साल 1992 में शत्रुघ्न सिन्हा ने दिल्ली से राजेश खन्ना के खिलाफ पहला चुनाव लड़ा,लेकिन पहला चुनाव हार गए। इसके बाद भी शत्रुघ्न सिन्हा ने हार नहीं मानी और सियासी खेल खेलते रहे। इसके बाद 1996 से लेकर 2002 तक शत्रुघ्न सिन्हा को राज्यसभा सांसद नॉमिनेट किया गया।
बिना रिहर्सल शॉट देने वाला एक्टर
शत्रुघ्न सिन्हा और अमिताभ बच्चन ने साथ में यार मेरी जिंदगी, रास्ते के पत्थर और शान समेत कुछ फिल्मों में काम किया। इनमें शान सुपरहिट रही। इसके बाद दोनों ने एक और फिल्म दोस्ताना (1980)में साथ काम किया। इसके बाद फिर दोबारा ऐसी कोई पिक्चर नहीं बन पाई। दोस्ताना ने थिएटर्स में खूब भीड़ जुटाई। इस फिल्म से कई किस्से भी जुड़े हुए हैं। इनमें एक दिलचस्प किस्सा शत्रुघ्न सिन्हा के बिना रिहर्सल शॉट देने का भी है।
दिलचस्प है दोस्ताना का ये किस्सा
दरअसल, दोस्ताना की शूटिंग के दौरान शत्रुघ्न सिन्हा के मेकअप आर्टिस्ट का निधन हो गया था। अभिनेता जब उनके अंतिम संस्कार से लौटे, तो वो फिल्म की शूटिंग के लिए सेट पर नहीं जा रहे थे। वहीं, दूसरी तरफ दोस्ताना पर पैसा लगाने वाले प्रोड्यूसर परेशान थे, क्योंकि उन्हें फिल्म का सेट हटाना था और इससे पहले शत्रुघ्न सिन्हा का सीन भी शूट करना था।
हटाया जाना था सेट
दोस्ताना के निर्माता यश जौहर ने एक दिन शत्रुघ्न सिन्हा को फोन किया और उनसे स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने शॉटगन से कहा कि महबूब स्टूडियो में फिल्म का सेट लगा है, जिसे हटाया जाने वाला है, क्योंकि शूटिंग के लिए अमिताभ बच्चन की डेट्स भी खत्म होने वाली है। अगर वो हां कहे, तो उनके सीन के लिए शूटिंग रखी जा सके।
लेट- लतीफ शत्रुघ्न सिन्हा
शत्रुघ्न सिन्हा ने शूटिंग के लिए हां कह दी, लेकिन यहां भी एक दिक्कत हो गई। दरअसल, फिल्म का सेट 2 बजे हटाया जाना था। अमिताभ बच्चन तो वक्त पर आते थे, लेकिन शत्रुघ्न सिन्हा को देर से आने की आदत थे। ऐसे में दोस्ताना के सेट पर भी वो देर से पहुंचे। 2 बजे फिल्म का सेट हटाना था और शत्रुघ्न सिन्हा शूटिंग के लिए ठीक डेढ़ बजे पहुंचे।
दंग रह गए अमिताभ बच्चन
शत्रुघ्न सिन्हा ने स्टूडियो पहुंचते ही 10 मिनट में तैयार होने के बाद दोस्ताना के डायरेक्टर राज खोसला से टेक लेने के लिए कहा। अभिनेता की ये बात सुनकर हर कोई हैरान था, क्योंकि बिना रिहर्सल सीन शूट करने की बात सभी को अटपटी लगी, लेकिन डायरेक्टर हामी भर दी। इसके बाद तो शत्रुघ्न सिन्हा ने ऐसा शॉट दिया की वाहवाही लूट ली। बिना रिहर्सल किए उन्होंने एक टेक में पूरा शॉट फाइनल कर दिया, जिसे देख अमिताभ बच्चन भी हैरान रह गए थे।