Thursday, April 25, 2024
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रोहतक के निजी अस्पताल की लापरवाही, गर्भवती ने दिया जुड़वा बच्चों को जन्म, मां-शिशु की मौत, बच्ची एडमिट

रोहतक में सुखपुरा चौक स्थित निजी अस्पताल पर धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। एक गमजदा पति का आरोप है कि उसकी गर्भवती पत्नी का इसी अस्पताल में इलाज चल रहा था लेकिन हमे धोखे में रखा गया कि इलाज गायनकोलॉजिस्ट कर रहे हैं जबकि ऐसी कोई सुविधा नहीं है। जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद उसकी पत्नी और बेटे की मौत हो गई। पीड़ित पति का आरोप है कि उसकी पत्नी की मौत अस्पताल में पूरी सुविधाएं न होने के कारण हुई है।

रोहतक। रोहतक में निजी अस्पतालों में अनियमितता का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिसकी वजह से आए दिन लोगों की जान पर बन जाने या जान जाने की खबर भी सामने आती रहती है। अब सुखपुरा चौक स्थित निजी अस्पताल पर लापरवाही और धोखाधड़ी का आरोप लगा है। निजी अस्पताल पर पूरी सुविधाएं न होने पर मरीज को धोखा देने के गंभीर आरोप एक पीड़ित पति ने लगाए हैं जिसने इसी लापरवाही के चलते अपनी पत्नी और बच्चे को खो दिया। जिसकी वजह से एक गर्भवती महिला ने जुड़वाँ शिशुओं को जन्म दिया लेकिन पूर्ण सुविधा न होने पर जन्म के बाद मां व शिशु की मौत हो गई। जबकि बच्ची उपचाराधीन है।

महिला के गमजदा पति का आरोप है कि अस्पताल में गायनकोलॉजिस्ट डॉक्टर नहीं थी और उसे धोखे में रखा गया था। पुलिस ने अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही बरतने का केस दर्ज किया है। आजादगढ़ निवासी रणजीत सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी पत्नी रिसु नौ माह से गर्भवती थी। शुरू से ही उसका इलाज सुखपुरा चौक स्थित एक निजी अस्पताल में चल रहा था। वहां पर एक महिला व एक पुरुष डॉक्टर उपचार करते थे। डॉक्टरों ने उसकी पत्नी के आपरेशन की 1 मार्च या 2 मार्च को आपरेशन की तिथि दे रखी थी। 27 फरवरी की सुबह उसकी पत्नी ने पेट में हल्का दर्द महसूस होने की शिकायत की। वह उसे उसी अस्पताल में ले गया, जहां शुरू से ही उपचार चल रहा था।

महिला डॉक्टर ने कहा कि उसे आज ही आपरेशन करना होगा। जल्द रक्त का इंतजाम करे। आपरेशन का समय शाम तीन बजे दिया गया, लेकिन आपरेशन तीन बजे की जगह शाम 7 बजे किया गया। उसे बताया गया कि लड़का व लड़की पैदा हुए हैं। लड़के में जान नहीं थी। जब पत्नी के बारे में पूछा तो बताया गया वह ठीक है। रात करीब एक बजे डॉक्टरों ने कहा कि उसकी पत्नी को बड़े अस्पताल में शिफ्ट करना होगा, क्योंकि यहां पर पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। उसने कहा कि अब आधी रात को कहां लेकर जाऊं। इसके बाद उसकी पत्नी को खुद की एंबूलेंस का इंतजाम करके दूसरे निजी अस्पताल में भेज दिया गया। 28 फरवरी को सुबह 11 बजे उसकी पत्नी को मृत घोषित कर दिया गया। उसका शव पीजीआई रोहतक के मोर्चरी में रखा गया है। नवजात बची हुई बेटी अभी भी उसी निजी अस्पताल में एडमिट है।

पीड़ित पति धर्मबीर ने पुलिस से मांग की है कि उसकी पत्नी के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल से करवाया जाए। अर्बन थाना पुलिस ने निजी अस्पताल के अज्ञात डॉक्टरों के खिलाफ उपचार में लापरवाही बरतने का मामला दर्ज कर लिया है। महिला के शव का बुधवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा। जो तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई होगी।

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