Thursday, March 28, 2024
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मोंटेलुकास्ट-डाइकोविन प्लस–पेरासिटामोल समेत 50 दवा टेस्ट में फेल, सिरदर्द-बुखार में होती हैं यूज

नई दिल्ली। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने देशभर की 50 दवाओं को ड्रग स्टैंडर्ड टेस्ट में फेल कर दिया है। अक्टूबर के महीने में देश भर के अलग-अलग प्रयोगशालाओं से आए हुई 1280 दवाइयों में से 50 दवाओं को टेस्ट में फेल किया गया है। संस्था के अनुसार यह एक रूटीन प्रक्रिया है। हर महीने दवाइयों के सैंपल जांच के लिए आते हैं और अलग-अलग कारणों से स्टैंडर्ड और गुणवत्ता की जांच सही पाए जाने वाली दवाइयों को अप्रूव किया जाता है।

एक राज्य से दूसरे राज्य की भौगोलिक स्थिति, डेमोग्राफी और क्लाइमेट जैसी स्थितियों के अलावा ब्रांड मैचिंग जैसी वजह से भी दवाएं टेस्ट में फेल हो सकती है। इन सैपलों को दवाओं के दवा सुरक्षा के मानकों पर खरा न उतने की वजह से फेल किया गया है। फेल की गई दवाओं का निर्माण हरियाणा, कोलकाता, असम, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश , झारखंड समेत उत्तराखंड में हुआ था। इन 50 दवाओं में से अकेले उत्तराखंड की ही 11 दवाएँ शामिल हैं।

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने इन दवाओं को बनाने वालीकंपनियों को कारण बताओ नोटिस कर दिया है। कंपनियों को इन दवाओं का पूरा स्टॉक बाजार से हटाने के निर्देश दिए गए हैं। संबंधित क्षेत्रों के सहायक दवा नियंत्रकों को इस मामले में पूरी रिपोर्ट सौंपने को कहा है। अक्टूबर से पहले इसी तरह स्वास्थ्य मंत्रालय ने जून में 26, जुलाई में 53,अगस्त में 45, सितंबर में 59 दवाओं के सैंपल को टेस्ट में फेल किया था। ये दवाएं भी मानकों पर खरी नहीं उतरी थीं।

जो दवाएं टेस्ट में फेल हुई हैं इनमें से अधिकतर का इस्तेमाल एंटीबायोटिक के तौर पर किया जाता है। कुछ दवाएं पेट में दर्द, सिरदर्द और बुखार के लिए भी इस्तेमाल की जाती है। विटामिन डी के लिए और सामान्य फीवर में भी इन दवाओ का यूज किया जाता है। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन की ओर से हर महीने दवाओं के टेस्ट किए जाते हैं। पिछले कुछ महीनों में भी कई दवाएं इन टेस्ट में फेल हो चुकी है। अकूटूबर में फेल की गई 50 दवाओं में से 11 केवल उत्तराखंड में ही बनी हैं। इसके अलावा गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा की भी कई कंपनियां हैं. पिछले दिनों हुए टेस्ट में हिमाचल प्रदेश में बनी हुई कई दवाओं को फेल किया गया था।

देश में एंटीबायोटिक दवाओं की खपत काफी बढ़ गई है। 2019 में देश में 500 करोड़ एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन किया गया था। कोरोना महामारी के दौरान दवाओं की मांग में काफी उछाल देखा गया था। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि लोग कई बार डॉक्टरों की सलाह के बिना भी दवाएं लेते हैं, जिसका नुकसान हो जाता है। बिना वजह दवा खाने से एंटीबायोटिक रजिस्टेंस की परेशानी भी देखी जा रही है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के सचिव डॉ अनिल गोयल कहते हैं कि दुनिया भर में दवाइयों के सैंपल इन फेल होने का अनुपात 3 से 4% का है। हमारे यहां भी लगभग यही अनुपात है लेकिन अगर यह 6% से ज्यादा हो तो पैनिक की स्थिति हो सकती है। सवाल तीन या चार प्रतिशत का नहीं है, दवाइयों की गुणवत्ता शत प्रतिशत रहनी चाहिए। किन वजहों से इन्हें सेम्पलिंग में फेल किया गया है ,यह जानकारी नहीं है, लेकिन सेंपलिंग एरर डेमोग्राफी, टेंपरेचर पेटेंट जैसे कारणों से हो सकते हैं।

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने इन दवा कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इन सभी 50 दवाओं को बाजार में मौजूद पूरा स्टॉक जल्द से जल्द वापस लेने का आदेश भी जारी किया गया है। इन सभी राज्यों के सहायक दवा नियंत्रकों को इस मामले में जल्द से जल्द रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है। डॉ अनिल गोयल ने ये भी बताया कि जिन दवाई के सैंपल फेल हुए हैं उनमें कई लाइफ सेविंग ड्रग्स भी हैं , कुछ इंजेक्शन भी हैं और रोजमर्रा की जरूरत की दवाइयां जैसे पेरासिटामोल भी इसमें शामिल है।

आइए यहां हम आपको बताते हैं कि कौन सी दवाएं टेस्ट में फेल की गई हैं। ये दवाओं को बाजारों से वापस लेने का निर्देश दिया गया है। साथ ही इनको बनाने वाली कंपनियों को भी कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।

यहां देखें दवाओ की लिस्ट

फोलिक एसिड टैबलेट आईपी
.सिपदान-500
हैक्सीप्लोर
Airmol®-650 टैबलेट
एसोलिप 40
कैंटोप-40 टैबलेट
OMZOLE
मोंटेक® एलसी
लेवोसेटिरिज़िन टैबलेट आईपी
पामगिन-पी
मार्कमॉक्स-500
ओंकाम
क्रोमोस्टेटइंजेक्शन
पैंटोप-डीएसआर
उरिफ्लो -डी
मिसोप्रोस्टोल गोलियाँ
सिलोडोसिन 4 मिलीग्राम
डायकोविन-प्लस कैप्सूल
एल्बेंडाजोल की गोलियां आई.पी. 400 मिलीग्राम बी
एल – मिथाइलफोलेट गोलियाँ
लेवेतिरसेटम टैबलेट
मेट्रोनिडाजोल की गोलियां
तिलविट (मल्टीविटामिन आसव)
ओटोकैप कैप्सूल
मायकोबल-प्लस कैप्सूल
किंगकैथ टैबलेट
बीकोम-एल
एनालाप्रिल मैलेट
पिलोग्रेल – ए 75
लेवोसेटिरिज़िन डाइहाइड्रोक्लोराइड
आरएल 500 इन्जेक्शन (इन सभी के कंपाउंड सिडोयम एक हैं)
आरएल 500 इंजेक्शन
आरएल 500 इंजेक्शन
आरएल 500 इंजेक्शन
आरएल 500 इंजेक्शन
आरएल 500 इंजेक्शन
आरएल 500 इंजेक्शन
एनएस (सोडियम क्लोराइड)
फेनोफिब्रेट टैबलेट
क्लेरीफोर्ड-500
ओंडासेट्रोन
Montelukast टैबलेट आईपी
bromhexine हाइड्रोक्लोराइड
नांद्रोलोन डेकोनेट
पैंटोप्राजोल सोडियम
आरएल 500 बी इंजेक्शन
मिडाजोल्म इंजेक्शन
लेवोसेटिरिज़ि
डाइकोविन प्लस
पिलोग्रेलाम

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