Friday, April 19, 2024
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छेड़छाड़ मामला : मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ धनखड़-12 खाप ने भरी हुंकार, बर्खास्तगी की उठाई मांग

झज्जर। हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह पर जूनियर महिला कोच के साथ छेड़छाड़ के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। आरोपों के बीच अब खाप पंचायतें भी उनके खिलाफ एकजुट हो रही हैं। सोमवार को झज्जर के गांव डाबला में धनखड़-12 खाप के चबूतरे पर पंचायत हुई और सरकार से खेल मंत्री को तुरंत पद से बर्खास्त कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की। साथ ही 6 दिन यानि शनिवार तक का अल्टीमेटम भी दिया गया। चेतावनी दी कि अगर अल्टीमेटम की समयावधि में कार्रवाई नहीं हुई तो फिर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

दरअसल, डाबला गांव के चबूतरे पर हुई पंचायत की अध्यक्षता धनखड़-12 खाप के प्रधान युद्धवीर ने की। इस दौरान दिल्ली की ढासा-12 खाप के अलावा कई किसान यूनियन से जुड़े पदाधिकारी शामिल हुए। पंचायत में काफी सारे ग्रामीण भी एकजुट दिखे। सभी वक्ताओं ने कहा कि विभाग वापस करने से कुछ नहीं होगा, जब तक मंत्री पद नहीं लिया जाता तब तक निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार इस पर गौर करे वरना उन्हें बड़ा निर्णय लेने पर मजबूर होना पड़ेगा। खाप पंचायत का मानना है कि आरोपी संदीप सिंह मंत्री के उनके पद पर बने रहने के चलते जांच प्रभावित हो सकती है। पंचायत में खेल मंत्री की गिरफ्तारी की मांग भी उठाई गई है।

बारह के प्रधान युद्धबीर सिंह ने कहा कि पीडि़ता उनके क्षेत्र के गांव की बेटी है। यही वजह है कि खाप पंचायत को उसे न्याय दिलाने के लिए उसके समर्थन में उतरना पड़ा है। उन्होंने कहा कि खेल मंत्री का पद छोडऩा नाकाफी है। जब तक उन्हें मंत्री पद से नहीं हटाया जाएगा तब तक पीडि़ता को न्याय मिलना मुश्किल हीं नहीं बल्कि नामुमकिन है। पीडि़ता हर राजनीतिज्ञ के पास न्याय के लिए जा रही है। लेकिन उसे न्याय नहीं मिल पा रहा है।

अनिल विज के सामने अपनी बात रखते हुए जूनियर महिला कोच

इस पंचायत में किसान नेता दलजीत सिंह डागर भी शामिल हुए उन्होंने भी आरोपी मंत्री को पद से हटाने और बेटी को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की मांग सरकार से की है। उन्होंने सरकार को 7 जनवरी तक का समय दिया है। अगर आरोपी मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन करने को भी मजबूर होंगे।

पीड़िता के पिता ने कहा कि खाप पंचायत ने जो निर्णय लिया है, वो उनकी बेटी को न्याय दिलाने के लिए है। उन्होंने मांग की कि खेलमंत्री को तुरंत पद से बर्खास्त कर उन्हें सिर्फ सिंपल एमएलए छोड़ा जाए। साथ ही जो मंत्री ने उनकी बेटी के साथ किया है, उसकी मंत्री को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे खाप के हर फैसले को मानेंगे। क्योंकि खाप उनके लिए सर्वप्रिय है। उन्हें तो सिर्फ ट्रांसफर के मामले का ही पता था। मैं खुद बेटी के साथ ट्रांसफर के लिए चंडीगढ़ भी गया था, लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि बेटी के साथ ऐसा हुआ।

वहीँ गृहमंत्री अनिज विज के पास पहुंची पीड़िता महिला कोच ने कहा कि उन्होंने संदीप सिंह को काफी बार मना किया, लेकिन मंत्री की हरकतें लगातार जारी थी। आखिर इंसान कब तक चुप रहेगा। एक टाइम ऐसा आता है कि आवाज उठानी पड़ती है। खेल मंत्री ने ऑफिशियली, मैनटली हरास किया है। उन्होंने कहा कि उसकी शिकायत पर पुलिस ने संदीप सिंह के खिलाफ FIR दर्ज कर ली। उन्हें विश्वास है कि उन्हें न्याय मिलेगा।

महिला कोच ने कहा कि जब तक संदीप सिंह अपनी पद से इस्तीफा नहीं देते तो वह किसी भी इन्वेस्टिगेशन का पार्ट नहीं बनेगी। महिला कोच ने कहा कि संदीप सिंह को कड़ी से कड़ी सजा मिले। यह सभी को पता चलना चाहिए कि एक ओलिंपिक लेवल पर खेल कर और एक नेशनल लेवल के खिलाड़ी के साथ दुर्व्यवहार कैसे कर सकते हैं। महिला कोच ने कहा कि वह इस मामले में पूरा स्टैंड लेगीं और आखिरी दम तक लड़ेंगी।

बता दें कि भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह इस समय काफी सुर्खियों में हैं। संदीप सिंह पर एक महिला कोच ने छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं। जिसके बाद चंडीगढ़ के सेक्टर-26 पुलिस थाने में उनके खिलाफ IPC की धारा 354, 354ए, 354 बी, 342 और 506 लगाई गई है। चंडीगढ़ पुलिस के मुताबिक केस दर्ज करने के बाद इसकी जांच की जा रही है। केस दर्ज होने के बाद रविवार को संदीप सिंह ने अचानक मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर अपना विभाग छोड़ दिया था। हालांकि उन्होंने मंत्री पद से त्याग नहीं दिया। जबकि विपक्षी दल उनके इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं। मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर अब खाप पंचायत ने भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

वहीं खेल मंत्री ने इन सब आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है। जिसमें उन्हें फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला कोच पंचकूला में रहने के लिए इस तरह के आरोप लगा रही है। इस बारे में उन्होंने CM से इस मामले की जांच की मांग की। वहीं इसके बारे में विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को भी जानकारी दे चुके हैं। खेल मंत्री ने कहा कि उन्होंने महिला कोच का ट्रांसफर झज्जर कर दिया और वह पंचकूला रहना चाहती थी, इसलिए ऐसे आरोप लगा रही है।

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