Tuesday, December 3, 2024
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इस शख्स ने अपनी जिदंगी में कभी नहीं देखी औरत

Mihailo Tolotos Story: सृष्टि बिना आदमी और औरत के अधूरी है। दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। इसलिए इस सृष्टि की कल्पना भी दोनों के बिना नहीं की जा सकती है।  मां-बेटा हों, पति-पत्नी हों, भाई-बहन हों, दोस्त हों या फिर ऑफिस में काम करने वाले सहकर्मी हों किसी भी रुप में औरत और आदमी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।

लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स की कहानी के बारें में बताने जा रहे हैं जिसने जिदंगी में कभी औरत को देखा ही नहीं। दुनिया का ये ऐसा इकलौता इंसान रहा जिसे ये तक नहीं पता था कि हकीकत में लड़कियां कैसे दिखती हैं। बुजुर्ग होकर इसकी मौत हो गई लेकिन वो औरतों से अछूता रह गया।

मिहाइलो टोलोटॉस की कहानी (Mihailo Tolotos Story)

ग्रीस के हालकिडिकी में साल 1856 में  मिहाइलो टोलोटॉस (Mihailo Tolotos) का जन्म  हुआ था। जन्म देने के कुछ ही वक्त बाद, टोलोटॉस की मां का स्वर्गवास हो गया। टोलोटॉस के पिता से जुड़ी कोई जानकारी नहीं है। मां का निधन हो जाने के बाद उसे ग्रीस के पहाड़ माउंट एथॉस (Mount Athos) पर रहने वाले रूढ़िवादी भिक्षुओं (Orthodox Monks) ने गोद ले लिया।

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इन भिक्षुओं ने ही उसे पाला पोसा और भिक्षु बनाया। दरअसल, उन भिक्षुओं के अपने कई नियम थे जिसका पालान टोलोटॉस को करना पड़ता था। इन नियमों में से एक था, उनके मठ में लड़कियों के आने की इजाजत नहीं थी। यही वजह है कि टोलोटॉस हमेशा ही औरतों से दूर रहा। ऐसा माना जाता है कि उस पर्वत पर रहने वाले भिक्षुओं की ये मान्यता 10वीं सदी से थी कि पर्वत पर लड़कियां और घरेलु जानवर (गाय, भेड़) नहीं आ सकते थे। इस नियम के पीछे का कारण यह सुनिश्चित करना था कि माउंट एथोस के सभी मठों में रहने वाले भिक्षु जीवन भर ब्रह्मचार्य का पालन कर सकें जो उनके लिए आवश्यक माना जाता था।

मरते दम तक नहीं देखी लड़कियां 

टोलोटॉस चाहता तो इस नियम को तोड़कर लड़कियों से मिल सकता था लेकिन उसने कभी ऐसा नहीं किया। उसके अंदर भी ये इच्छा कभी नहीं हुई कि वो इस नियम को तोड़कर बाहर की दुनिया को देखे। साल 1938 में 82 साल की उम्र में टोलोटॉस की मौत हो गई।

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