Wednesday, April 24, 2024
Homeहरियाणारोहतकरोहतक के शूरवीर जवान मेजर नितिन को मिला शौर्य चक्र सम्मान, अकेले...

रोहतक के शूरवीर जवान मेजर नितिन को मिला शौर्य चक्र सम्मान, अकेले भिड़ गए थे आतंकियों से

डोभ गांव के ग्रामीणों का कहना है कि जब मेजर सम्मानित होकर गांव आएंगे तो पूरे गांव की तरफ से मेजर को सम्मानित किया जाएगा। जिसके लिए गांव वाले भी तैयारियां कर रहे हैं। आज उनके लिए राजकीय स्कूल में सम्मान समारोह रखा गया है।

रोहतक। रोहतक का सीना उस समय गर्व से चौड़ा हो गया जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शूरवीर जवान मेजर नितिन धानिया के सीने पर शौर्य चक्र जैसे सम्मान को सजाया। मेजर धानिया ने करीब डेढ़ साल पहले जम्मू के पैराशूट रेजिमेंट की स्पेशल फोर्स के सैकेंड बटालिन में तैनाती के दौरान भीड़ में छिपे दो आंतकवादियों को ढूंढ कर उन्हें गोलिया मार कर ढेर कर दिया था। यही नहीं मेजर ने लोगों की जान बचाने के साथ-साथ आर्मी के काफिले को भी सुरक्षित किया था। नितिन की इस बहादुरी के लिए उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा गया है। इतना बड़ा सम्मान मिलने से उनके पैतृक गांव डोभ में भी खुशी का माहौल है।

डोभ गांव के ग्रामीणों का कहना है कि जब मेजर सम्मानित होकर गांव आएंगे तो पूरे गांव की तरफ से मेजर को सम्मानित किया जाएगा। जिसके लिए गांव वाले भी तैयारियां कर रहे हैं। आज उनके लिए राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सम्मान समारोह रखा गया है। इसमें डोभ गांव ही नहीं, आसपास के लगने वाले गांव के लोग भी बड़ी संख्या में सम्मान समारोह में शिरकत करेंगे। डीसी अजय कुमार समेत उच्च अधिकारियों को भी सम्मान समारोह के लिए न्यौता भेजा हुआ है।

एयर वेटर्न एसोसिएशन रोहतक के जरनल सेक्रेटरी कृष्ण सुहाग ने कहा कि मेजर नितिन ने बहादुरी का परिचय दिया है। इसके लिए एयर वेटर्न एसोसिएशन भी सम्मान करेगी। सरपंच प्रतिनिधि कुलदीप ने कहा गांव के बेटे को राष्ट्रपति से शौर्य चक्कर से सम्मानित होने की सूचना मिलने ही गांव के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं है। डोभ निवासियों का कहना है कि गांव का हर युवा, हर छात्र मेजर नितिन धानिया से प्रेरित होकर अपने देश की सेवा करें पूरी तरह से सशक्त होकर देश सेवा में भागीदार बने। गांव के बेटे नितिन ने एक गांव ही नहीं पूरे देश का नाम रोशन किया है। इस तरह की खुशी कभी शब्दों में बयान नहीं की जा सकती। बेटे का गांव पहुंचते ही पूरे जोर शोर से स्वागत किया जाएगा।

मेजर नितिन के पिता जयसिंह धानिया ने बताया कि नितिन के पिता जयसिंह धानिया ने बताया कि वे एयरफोर्स के जेड्ब्ल्यूओ पद से 2001 में सेवानिवृत्त हुए थे। उनको दो बेटे हैं, जिनमें से नितिन बढ़ा है। नितिन 2005 में एयरफोर्स में सिपाही के पद पर जॉइन हुए थे। इसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। नितिन का लक्ष्य था कि वह सेना में अधिकारी बने। नितिन ने NDA की परीक्षा भी दी थी, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। इसके बाद उन्होंने एयरफोर्स में सिपाही के पद पर तैनात होने के बाद पढ़ाई करके CDS की परीक्षा साल 2008 में पास की। परीक्षा पास करने के बाद उनकी करीब डेढ़ साल की ट्रेनिंग हुई और ड्यूटी जॉइन की। नितिन पहले से ही पढ़ाई में अच्छे थे।

फौजी साथियों के साथ मेजर नितिन

आपको बता दें गांव डोभ निवासी मेजर नितिन धानिया डेढ़ साल पहले जम्मू-कश्मीर में पैराशूट रेजिमेंट की स्पेशल फोर्स के सेकेंड बटालियन में तैनात थे। 13 दिसंबर 2021 को मेजर नितिन धानिया को सेना के काफिले पर आतंकवादी हमले को टालने के लिए दक्षिण कश्मीर (जम्मू और कश्मीर) के भीड़भाड़ वाले इलाके में सर्जिकल ऑपरेशन को अंजाम देने का काम सौंपा गया था। दोपहर करीब डेढ़ बजे, नागरिकों की आड़ में 2 आतंकवादियों की मेजर ने पहचान कर ली। लोगों और सेना के काफिले के लिए ऊपर बने खतरे को भांपते हुए वह अपने साथी के साथ आतंकवादियों की ओर सावधानी से आगे बढ़ने लगे। जब आतंकियों ने कार्रवाई की तो मेजर नितिन और उनके साथियों ने आतंकवादियों को आमने-सामने की लड़ाई में ढेर कर दिया।

मुठभेड़ में नितिन ने ए प्लस श्रेणी के आतंकवादी के रूप में पहचाने गए एक आतंकी को मार गिराया। इसके बाद जैसे ही देखा कि आतंकी इनके साथी पर हमले के लिए आगे बढ़ रहे हैं तो उन्हें ललकारा और टारगेट तय कर एक ही गोली में A-ग्रेड के दूसरे आतंकवादी को ढेर कर दिया। आतंकी लोगों के बीच छिपकर सेना के काफिले को टारगेट बनाना चाहते थे। उन्होंने लोगों की जान बचाने के साथ-साथ आर्मी के काफिले को भी सुरक्षित किया था। 15 अगस्त को शौर्य चक्र के लिए मेजर नितिन धानिया के नाम की सिफारिश की गई थी।

- Advertisment -
RELATED NEWS

Most Popular