Tuesday, April 23, 2024
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जानिए किस देश में सबसे पहले सेलिब्रेट होता है न्यू ईयर 

Happy New Year 2023: नए साल की शुरुआत होने में बस अब कुछ घंटों की देरी है। भारत में 31 दिसंबर की रात 12 बजे से नए साल की शुरुआत हो जाती है। 31 दिसंबर की शाम से ही कई शहरों में आतिशबाजी का जश्न शुरु हो जाता है। भारत में जब 12 बजे की रात में नए साल का जश्न मनाया जाता है उस वक्त बहुत सारे देशों में नए साल का जश्न मन चुका होता है। आइए जानते हैं किस देश में सबसे पहले न्यू ईयर सेलिब्रेट होता है-

Happy New Year 2023: नए साल की शुरुआत होने में बस अब कुछ घंटों की देरी है। भारत में 31 दिसंबर की रात 12 बजे से नए साल की शुरुआत हो जाती है। 31 दिसंबर की शाम से ही कई शहरों में आतिशबाजी का जश्न शुरु हो जाता है। भारत में जब 12 बजे की रात में नए साल का जश्न मनाया जाता है उस वक्त बहुत सारे देशों में नए साल का जश्न मन चुका होता है। आइए जानते हैं किस देश में सबसे पहले न्यू ईयर सेलिब्रेट होता है-

ओशिनिया में सबसे पहले न्यू ईयर का सेलिब्रेशन किया जाता है। ओशिनिया के साथ-साथ टोंगा, समोआ और किरिबाटी नए साल का स्वागत करने वाले पहले देश हैं। टोंगा प्रशांत द्विप में है जहां नए साल में सबसे पहले दिन उगता है। भारत के समयानुसार 31 दिसंबर की शाम 3:30 बजे समोआ और क्रिसमस आइलैंड/किरीबैती में नया साल की शुरुआत हो जाती है। 

अब एशियाई देशों के बारें में बात करें तो जापान, दक्षिण कोरिया में सबसे पहले नए साल का स्वागत किया जायेगा। जापान और कोरिया में  भारतीयसमयानुसार 31 दिसंबर की रात 8:30 बजे से 1 जनवरी की शुरुआत हो गई होती है। यूएस माइनर आउटलाइंग आइलैंड में सबसे आखिर में 1 जनवरी शाम 5:35 (भारतीय समय के अनुसार) पर नया साल मनाया जाता है।

आपको बता दें कि आज से तकरीबन 4,000 साल पहले नए साल मनाने की शुरुआत बेबीलीन नामक जगह पर हुई थी। उस वक्त 1 जनवरी नहीं बल्कि 21 मार्च को नए साल का जश्न मनाया जाता था। इसे बसंत आगमन की तिथि के रुप में मनाया जाता था। पहली बार 1 जनवरी को मनाने की शुरुआत साल 1582 से हुई थी। रोमन शासक जूलियस सीजर ने 1 जनवरी से नया साल मनाने की शुरुआत की थी।

उन्होंने रोमन कैलेंडर में जरूरी बदलाव किए थे और कैलेंडर में जनवरी को साल का पहला महीना माना था। इससे पहले मार्च महीने से साल की शुरुआत होती थी। पहले बने इस कैलेंडर में मार्च साल का पहला महीना माना जाता था। इस कैलेंडर के मुताबिक साल में सिर्फ 10 महीने ही होते थे। इसकी वजह से उस समय एक साल में 310 दिन होते थे और एक हफ्ता 8 दिनों का होता था।

उस समय मशहूर धर्म गुरू सेंट बीड ने यह बताया कि एक साल 365 दिन 6 घंटे नहीं, बल्कि 365 दिन 5 घंटे और 46 सेकंड होते हैं। बाद में इस बात को ध्यान में रखते हुए रोमन कैलेंडर में बदलाव करते हुए एक नया कैलेंडर बनाया गया और उस वक्त से हर साल 1 जनवरी से नए साल को मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई।

 

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