भारतीय रेलवे लगातार नये आयाम के साथ एक नया इतिहास रच रहा है। भारतीय रेलवे पूर्वोत्तर के क्षेत्रों में तेजी से रेल कनेक्टिविटी को बढ़ा रहा है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) सब्यसाची डे (Sabyasachi De) ने कहा कि उत्तर-पूर्व में बहुत जल्द अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय सीमा पार रेलवे कनेक्टिविटी होगी।
भारतीय रेलवे की अंतरराष्ट्रीय सीमा के लिए केंद्र सरकार ने 1.20 लाख करोड़ रुपये जारी किए
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर के इलाकों में रेलवे कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार पहली बार 1.20 लाख करोड़ रुपये जारी किए हैं। हमारा ध्यान अभी भारत-चीन सीमा और म्यांमार पर है।
भूटान और बंग्लादेश तक जायेगी ट्रेन
सब्यसाची डे ने कहा कि इम्फाल-मोरेह लाइन को प्रारंभिक मंजूरी दे दी गई है। भारत और म्यांमार के बीच चल रहे कलादान मल्टीमॉडल परियोजना को जोड़ने के लिए सैरंग-हबिछुआ रेलवे लाइन को मंजूरी दे दी गई है। भूटान को जोड़ने वाली कोकराझार-गेलेफू रेलवे लाइन और बांग्लादेश के अखौरा तक जाने वाली रेलवे लाइन अगरतला-अखौरा रेलवे प्रोजेक्ट को जल्द ही चालू कर दिया जाएगा। उत्तर पूर्व में जल्द ही पहली अंतरराष्ट्रीय सीमा-पार रेलवे कनेक्टिविटी होगी।
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हमारा ध्यान बहुत सारी सीमा पार परियोजनाओं पर है। खास तौर पर हम चाहते हैं कि सभी सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने और हमारे इन अंतरराष्ट्रीय पड़ोसियों के माध्यम से व्यापार बढ़ाने चाहते हैं।
उत्तर पूर्व में सबसे महत्वपूर्ण परियोजना एक राज्य को दूसरे राज्यों की राजधानी से कनेक्ट करने का है। उन्होंने कहा कि हम सिक्किम, मिजोरम, मणिपुर और नागालैंड को रेलवे के माध्यम से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।