Relationship Tips in Astrology: हर मां-बाप का सपना होता है कि उनकी संतान योग्य और संस्कारी हो। हर मां-बाप अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने की पूरी कोशिश करते हैं। लेकिन बेहतर परवरिश ही नहीं बल्कि पति और पत्नी के बीच का संबंध भी होने वाली संतान पर बहुत असर डालता है। शास्त्रों के अनुसार, संतान प्राप्त के लिए पति-पत्नी के संबंध को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं।
शास्त्रों के अनुसार गर्भधारण के नियम कुछ इस प्रकार है-
इस वक्त गर्भधारण करने से श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति होती है- शास्त्रों में वर्णन है कि रात में 12 बजे यानी प्रथम पहर में गर्भधारण की क्रिया करने से व्यक्ति को धार्मिक, सात्विक, अनुशासित और संस्कारी संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही इस पहर में की गई रतिक्रिया से जो संतान प्राप्ति होती है वह धार्मिक कार्य करने वाली, यशस्वी और आज्ञाकारी संतान होती है।
रात 12 बजे से पहले ना करें गर्भधारण- रात के 12 बजे तक का समय रतिक्रिया के लिए उत्तम है। इसलिए पति-पत्नी को इस समय से पहले ही गर्भधारण का प्रयास कर सकते हैं। क्योकि, इसके बाद का समय गर्भधारण के लिए शुभ नहीं माना गया है।
इस वक्त ना बनाए संबंध- पति-पत्नी को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि उन्हें अमावस्या, पूर्णिमा, चतुर्थी, अष्टमी, रविवार, संक्रांति, संधिकाल, नवरात्रि, श्राद्ध पक्ष, श्रावण मास और ऋतुकाल में शारीरिक संबंध बनाने से परहेज करना चाहिए।
ऐसे समय गर्भधारण ना करें कोशिश- शास्त्रों में कहा गया है कि पहले प्रहर के बाद संबंध नहीं बनाना चाहिए क्योंकि, ऐसा करना बहुत ही अशुभ रहता है। इस समय संबंध बनाने से आपको कई बीमारियां होने का भी खतरा बना रहता है।