पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) द्वारा विज्ञापित असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी (ADA) की चयन प्रक्रिया पर लिखित परीक्षा आयोजित करने के लिए मानदंड में बदलाव का आरोप लगाते हुए रोक लगा दी। इसने हरियाणा सरकार और एचपीएससी को भी नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर जवाब मांगा है।
इस मामले में याचिकाकर्ताओं का मुख्य विरोध आयोग के फैसले के खिलाफ था जिसमें पहले बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQ) के साथ लिखित परीक्षा की घोषणा की गई थी। लेकिन बाद में दो चरण की परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की गई, पहली MCQ और दूसरी व्यक्तिपरक प्रकार के प्रश्न। एक और शिकायत दूसरे चरण की परीक्षा केवल अंग्रेजी भाषा में आयोजित करने का निर्णय है, न कि हिंदी में।
जस्टिस सुवीर सहगल ने दिग्विजय सिंह और कई अन्य उम्मीदवारों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई के लिए अब छह जुलाई की तिथि निर्धारित की गयी है। याचिकाकर्ताओं ने 12 अप्रैल की उस घोषणा/अधिसूचना को रद्द करने के निर्देश मांगे हैं, जिसमें एचपीएससी ने हरियाणा अभियोजन विभाग में एडीए के पद के लिए परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया था। पूर्व में या सेवा नियमावली 2001 में उल्लिखित तरीके से परीक्षा आयोजित करने के लिए आगे के निर्देश भी मांगे गए हैं। यह तर्क दिया गया है कि भर्ती परीक्षा के पैटर्न में बदलाव पूरी तरह से मनमाना है और एचपीएससी द्वारा जारी विज्ञापन के प्रावधानों के खिलाफ है।