Saturday, April 20, 2024
Homeहरियाणाहरियाणा सरकार ने किए सरपंचों के लिए बड़े ऐलान, अब मिलेगा इतना...

हरियाणा सरकार ने किए सरपंचों के लिए बड़े ऐलान, अब मिलेगा इतना वेतन

मुख्यमंत्री हरियाणा ने ई-टेंडरिंग पर सरपंचों को राहत देते हुए सीएम ने कहा कि सरपंचों को जो काम करवाने की लिमिट दो लाख रुपये थी, उसको बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है।

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ई-टेंडरिंग पर चल रहे विवाद पर बैकफुट पर आ गई है। सरपंचों के विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने सरपंचों के लिए बड़ा ऐलान कर दिया है। ई-टेंडरिंग पर सरपंचों को राहत देते हुए सीएम ने कहा कि सरपंचों को जो काम करवाने की लिमिट दो लाख रुपये थी, उसको बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। अब सरपंच पांच लाख रुपये तक के काम करा सकेंगे।

वहीं इससे ऊपर के सभी कार्य ही ई-टेंडरिंग से होंगे। अब जिला परिषद (जिप) की भी शक्तियों को भी बढ़ा दिया गया है। वहीँ सीएम ने कहा कि सरपंचों को 3,000 की बजाय 5,000 रुपए वेतन दिया जाएगा। बढ़ा वेतन अप्रैल से लागू होगा। इसके अलावा पंचों के वेतन में भी बढ़ोत्तरी की गई है। उनका वेतन एक हज़ार से बढ़ाकर 1600 रुपए कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री हरियाणा निवास में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने कहा कि ई टेंडरिंग से जो काम होगे अगर उसकी गुणवत्ता में कोई ख़राबी है आती तो उसकी जिम्मेदारी अधिकारी की होगी। लेकिन जो कोटेशन से काम होगे उसकी गुणवता की ज़िम्मेदारी सरपंच की होगी। गुणवत्ता के साथ सरकार किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने सरपंचों को एक और बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री ने सरपंचों के अधिकार में बढ़ोत्तरी करते हुए ग्राम सचिव की ACR लिखने का अधिकार भी सरपंचों को दे दिया है। उन्होंने कहा है कि विपक्ष ई-टेंडरिंग को लेकर केवल भ्रांतिया फैला रहा है। जबकि इस व्यवस्था से कामों में पारदर्शिता आएगी।

सीएम खट्‌टर ने कहा कि सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था को सुधारने के लिए CEO की भर्तियां शुरू की है। पंचायती राज में पहले सीईओ की भर्तियां नहीं की जाती थी। इस नियुक्ति से पंचायतों में कामों को और बेहतर करने में मदद मिलेगी। सीएम ने कहा कि सरकार पंचायतों को सशक्त करने में काम कर रही है। गांवों में कराए जाने वाले कामों का सरकार ऑडिट कराएगी। इसके साथ ही कराए गए कामों का सरकार ग्राम सभा से भी फीड बैक भी लेगी। कामों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्वालिटी टेस्ट टीम भी बनाई जाएगी। चलते हुए कामों का टीम निरीक्षण करेगी। सरकार के इस कामों से गांवों में विकास की धारा बहेगी।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला परिषद को और सशक्त किया है। उन्होंने इसको लेकर कहा कि प्रत्येक जिला परिषद का अपना कार्यकाल होगा। इसके साथ ही पहली तिमाही को करीब 12 करोड रुपए आवंटित किए जाएंगे। इसके साथ ही पांच बड़े गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाने की जिम्मेदारी जिला परिषद के द्वारा पूरी की जाएगी। इसके साथ ही मिड डे मील की मॉनिटरिंग के लिए जिला परिषद की जिम्मेदारी सरकार के द्वारा तय की गई है।

उन्होंने बताया कि बिजली के बिलों पर लगाया जा रहा पंचायत कर बकाया राशि सहित 1 अप्रैल, 2023 से पंचायतों को दे दिया जाएगा। इसमें से पंचायतों के लंबित बिजली बिल की कटौती करके हर तिमाही में भुगतान किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में संपत्ति की बिक्री पर 1 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क की राशि ग्राम पंचायत को दी जाएगी। वहीँ एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि जिन पूर्व सरपंचों ने अपना रिकार्ड वर्तमान सरपंच को सुपूर्द नहीं किया है वे इससे तुरंत सौंप दे। उन्होंने बताया कि पंचायतों के पिछले कार्यकाल के 1100 सरपंचों के खिलाफ जांच चल रही है।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि खेत-खलिहानों के चार करम से कम चौड़े रास्ते जिला परिषदों के माध्यम से पक्के करवाए जाएंगे। जिला परिषद को हरियाणा राज्य कृषि विपण बोर्ड की सड़कों की मरम्मत का कार्य भी सौंपा जाएगा। इसके अलावा, स्वच्छता अभियान के तहत गांवों घर-घर से कूड़ा उठवा कर डिस्पोज करने, स्ट्रीट लाइट, मिड-डे मिल, बस क्यू शैल्टर जैसे कार्य भी दिए जाएंगे।

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि एचएसआर रेट और डीसी रेट के बीच समन्वय बनाया जाएगा, इसके लिए HSR रेट को जिला स्तर पर बनाकर नोटिफाई किया जाएगा। बिजली कर का 2 फीसदी पंचायतों को एरियर के साथ और स्टांप ड्यूटी का 2 फीसदी पंचायतों को दिया जाएगा। अब तक 6217 पंचायतों में से 5048 के प्रस्ताव आए हैं, लगभग 9418 के करीब प्रस्ताव आए जिनमें से 1044 के टेंडर अभी तक अपलोड हुए है।

- Advertisment -
RELATED NEWS

Most Popular