Tuesday, April 23, 2024
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हरियाणा में बीयर हुई सस्ती, देशी और विदेशी शराब हो गई महंगी, जानें नई आबकारी नीति

Haryana New Excise Policy: हरियाणा कैबिनेट ने मंगलवार को नई आबकारी नीति 2023-24 को मंजूरी दे दी। इसके तहत शराब पर उत्पाद और खुदरा परमिट शुल्क लगाया गया है। हरियाणा सरकार का लक्ष्य पर्यावरण और पशु कल्याण कोष के लिए 400 करोड़ रुपये जुटाना है। सरकार के इस फैसले के बाद देशी शराब और आईएमएफएल पर उत्पाद शुल्क की दरों में भी मामूली वृद्धि हो गई है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में मंगलवार शाम यहां हुई कैबिनेट की बैठक के बाद एक आधिकारिक बयान में कहा कि सरकार का लक्ष्य पर्यावरण और पशु कल्याण के लिए 400 करोड़ रुपये एकत्र करना है। सीएम ने बताया कि पर्यावरण और पशु कल्याण की रक्षा के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, नई नीति में 400 करोड़ रुपये के लक्षित संग्रह के साथ खुदरा परमिट शुल्क लगाया गया है। उक्त राशि का उपयोग पर्यावरण और पशु कल्याण के लिए किया जाएगा।

आधिकारिक बयान के अनुसार, पर्यावरण के अनुकूल उपाय के रूप में नई नीति का उद्देश्य 29 फरवरी, 2024 के बाद शराब की बोतल में पीईटी बोतलों का उपयोग बंद करना है। नई नीति में देशी शराब, भारत में बनी विदेशी शराब और आयातित विदेशी शराब के मूल कोटे में बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ देशी शराब और आईएमएफएल पर उत्पाद शुल्क की दरों में भी मामूली वृद्धि हुई है। वृद्धि का उद्देश्य उत्पाद शुल्क राजस्व को बढ़ाना है। इसके अलावा, रेडी टू ड्रिंक बेवरेजेज, बीयर पर माइल्ड और सुपर माइल्ड कैटेगरी के तहत सस्ती हो गई हैं।

नई आबकारी नीति में राज्य में खुदरा शराब की अधिकतम संख्या की सीमा को 2022-23 में क्रमशः 2,600 से घटाकर 2,500 और 2023-24 में 2,500 से 2,400 कर दिया गया है। वर्तमान नीति में अधिक प्रतिभागियों को ई-निविदा के माध्यम से शराब की दुकान के लाइसेंस के लिए आवेदन करने की अनुमति देने के लिए खुदरा शराब बिक्री क्षेत्र का आकार भी चार से घटाकर दो कर दिया गया है।

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