देश | PUBLISHED BY: GARIMA-TIMES | PUBLISHED ON: 14 MAY, 2022
लू की चपेट में उत्तर भारत
हिसार। उत्तर भारत के कुछ इलाकों में आज बारिश की संभावना है, वहीं कुछ अन्य इलाकों में अगले दो दिनों तक लू का प्रकोप जारी रहेगा। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जारी पूर्वानुमान में कहा कि तमिलनाडु में भी 17 मई तक बारिश हो सकती है जबकि जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख के इलाके में आज ही बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर भारत के कुछ प्रदेशों में लू की हालत देखते हुए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
इन दिनों लोगों को गर्मी की मार दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। शहर में सुबह और रात के समय उमस और चिपचिपाती गर्मी लाेगों को बेहाल कर रही है तो वहीं दोपहर के समय में लू के थपेड़े परेशान कर रहे हैं। अगर बात बीते दो दिनों की करें तो दोपहर के समय तापमान 42 डिग्री के आसपास रिकार्ड किया गया है। इस वजह से बाजार और पर्यटन स्थलाें से भीड़ गायब है। आने वाले दिनों में भी ऐसी स्थिती बनी रहेगी।
विभाग के अनुसार 16 मई को वेस्टर्न हिमालयन रेंज में वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहा है। इस वजह से अगले 72 घंटे में मौसम में मिजाज में बदलाव होगा और कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी होगी। अगले तीन दिनों तक अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट देखने को मिलेगी और 96 घंटे के बाद गर्मी का प्रकोप फिर से बढ़ेगा।
वहीँ भीषण गर्मी व लू के थपेड़ों से आहत लोगों के लिए राहत भरी खबर है। इस बार दक्षिणी-पश्चिमी मानसून तय समय से पांच दिन पहले यानि 26 मई को केरल पहुंचने की संभावना है। हर साल मानसून के आगमन की बात करें तो इसकी दस्तक एक जून के इर्द-गिर्द ही रहती है। मौसम विभाग ने यह संभावना भी जताई है कि मानसून लंबे समय तक 98 प्रतिशत बारिश दे सकता है। मानसून की अवधि चार माह की होती है, जो जून से सितंबर तक होती है। यह सामान्य या सामान्य से अधिक मानसून का लगातार चौथा वर्ष होगा। 1961 से 2019 तक के आंकड़ों के आधार पर भारतीय मुख्य भूमि पर मानसून की शुरुआत की सामान्य तिथि एक जून मानी गई है।
केरल के ऊपर दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत मुख्य रूप से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में समुद्री परिस्थितियों द्वारा नियंत्रित होती है। हाल ही में आए चक्रवात आसनी ने मानसून की धारा को सामान्य से पहले बंगाल की खाड़ी में बंद कर दिया। साथ ही, इस तूफान के अवशेष, प्रायद्वीपीय भारत पर एक अवसाद के रूप में, क्रास-इक्वेटोरियल प्रवाह शुरू करने में सहायक रहे हैं।
संयुक्त प्रभाव ने अरब सागर के मध्य भागों पर एंटीसाइक्लोन को मिटा दिया है, जो मानसून की वृद्धि के लिए अति आवश्यक है। इसे एमजेओ (मैडेन जूलियन ओसिलेशन) द्वारा हिंद महासागर में प्रवेश करने में भी मदद मिलेगी, हालांकि कम आयाम के साथ। केरल में प्री-मानसून बारिश व्यापक और शक्तिशाली होगी। इस साल केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत 26 मई से शुरू होने की संभावना है।
मौसम विभाग के मुताबिक इस समय एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र तटीय आंध्र प्रदेश पर बना हुआ है, जो औसत समुद्र तल से 5.8 तक फैला हुआ है। एक अन्य चक्रवात परिसंचरण मध्य प्रदेश का उत्तर पश्चिमी भागों के ऊपर है। एक टर्फ रेखा पश्चिम मध्य प्रदेश पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से बिहार तक फैली हुई है। एक और टर्फ रेखा बिहार से उड़ीसा तक जा रही है। 16 मई से पश्चिमी हिमालय के पास एक नया पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है।