रोहतक। हिमांशु मर्डर केस में 20 अगस्त को मृतक के अवशेष मिले थे लेकिन अब तक शव की डीएनए रिपोर्ट नहीं आ सकी है। ऐसे में लाखनमाजरा निवासी मृतक के पिता हरदीप राठी को यकीन है कि उसका बेटा अब तक जिंदा है। पूछने पर बोले, बिना डीएनए रिपोर्ट वह कैसे मान लें, उसका बेटा नहीं रहा। ऐसे में अंतिम संस्कार का सवाल ही नहीं उठता।
हरदीप ने बताया कि कंकाल पुलिस ने कब्जे में ले लिया था। इसके बाद डीएनए जांच के लिए लैब भेज दिया। पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि चार दिन में डीएनए रिपोर्ट आ जाएगी, लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं आई। रिपोर्ट आने से पहले वह नहीं मान सकता कि कंकाल हिमांशु का है, जितनी हड्डी मानव शरीर में होती हैं, उतनी हड्डियां मौके पर नहीं मिली।
उधर आरोपित युवक राहुल के पिता राजकुमार को कोर्ट से जमानत मिल गई है। राजकुमार के वकील रविकांत शर्मा ने बताया कि इस केस में पुलिस ने राजकुमार को आरोपित बनाया था लेकिन उनके फोन की कॉल डिटेल आदि चेक करने के बाद ऐसे कोई साक्ष्य पुलिस को नहीं मिले हैं, जिनके आधार पर यह मान लिया जाए कि वे हिमांशु की हत्या में शामिल हैं। इस केस में राहुल की मां को पहले ही कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
गौरतलब है कि लाखन माजरा गांव से 3 अगस्त की शाम को 17 साल का हिमांशु नाम का युवक लापता हो गया था। पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली, लेकिन उसे तलाश नहीं कर सकी। 18 दिन बाद जींद रोहतक और सोनीपत के बॉर्डर पर स्थित नहर के पास एक नर कंकाल मिला, जिसे हिमांशु का माना जा रहा है। पुलिस ने हड्डियों को डीएनए जांच के लिए लैब भेजा हुआ है, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है।
पुलिस के मुताबिक गांव के युवक ने पूछताछ में खुलासा किया है कि दोनों ऑनलाइन गेम खेलते थे। गेम में हार हो गई, जिसके चलते वह घर से जेवरात लेकर गया था। जब उसने जेवरात हिमांशु से वापस मांगे तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। दोनों बातचीत करते हुए नहर की पटरी पर खेतों में चले गए, जहां उनका झगड़ा हो गया। उसने गले में जंजीर डालकर हिमांशु की गला घोंटकर हत्या कर दी। आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस न्यायिक हिरासत के चलते जेल भेज चुकी है।