Rohtak News: दादा लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विश्वविद्यालय रोहतक में (DLC SUPVA) एक महत्वपूर्ण अकादमिक उपलब्धि दर्ज की गई। कंप्यूटर साइंस की पीएचडी शोधार्थी मुस्कान गर्ग द्वारा लिखित पुस्तक “क्रिप्टोकरेंसी युग में साइबर सुरक्षा:एआई आधारित खतरा पहचान एवं निवारण” का लोकार्पण विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अमित आर्य द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया।
यह पुस्तक दर्शाती है कि किस प्रकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) क्रिप्टो करेंसी के तेजी से विकसित हो रहे और अस्थिर क्षेत्र में साइबर सुरक्षा के ढांचे को नया आकार दे रहा है। चार प्रमुख खंडों में विभाजित यह पुस्तक एआई-संचालित घुसपैठ पहचान, खतरा निवारण रणनीतियों, ब्लॉक चेन सुरक्षा, विकेन्द्रीकृत पहचान प्रबंधन, और क्वांटमकंप्यूटिंग जैसी उभरती तकनीकों पर केंद्रित है। ये सभी विषय क्रिप्टो-वित्तीय पारिस्थिति की तंत्रके संदर्भ में प्रस्तुत किए गए हैं।
इस अवसर पर कुलपति डॉ. अमित आर्य ने पुस्तक की अकादमिक गहराई और प्रासंगिकता की सराहना करते हुए इस कार्य को नवाचार और तात्कालिकता का संगम बताया। उन्होंने कहा कि डिजिटल करेंसी के बढ़ते प्रभाव के साथ, वर्चुअल संपत्तियों की सुरक्षा एक राष्ट्रीय और वैश्विक प्राथमिकता बन चुकी है। कुलपति ने कहा कि यह योगदान समयानुकूल, शोधपरक और व्यावहारिकता से परिपूर्ण है।
मुस्कान गर्ग कंप्यूटर साइंस की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सीमा के मार्गदर्शन में शोध कर रही हैं और वर्तमान में मशीन लर्निंग आधारित साइबर सुरक्षा पर अग्रिम अनुसंधान कर रही हैं। वह वैश्य कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से संबद्ध संस्थान, में सहायक प्रोफेसर के रूप में भी कार्यरत हैं।