Punjab, कुछ सालों से जलवायु परिवर्तन देखने को मिल रहा है जिसका आने वाले में समय में विररीत प्रभाव होगा. जलवायु के कारण फसलों में गिरावट हो रही है.
जानकारी के अनुसार राज्य देश के लिए जितना खाद्यान्न पैदा करता है, 2050 तक उसमें प्रमुख खरीफ और रबी फसलों में 13 फीसदी की गिरावट दर्ज हो सकती है. वैसे भी जलवायु मामले में पंजाब विशेष रूप से अतिसंवेदनशील है.
जलवायु परिवर्तन पर इंटर गवर्नमेंट पैनल सिंथेसिस रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के कारण पंजाब में होने वाले दुषप्रभाव को रोकने के विकल्पों पर सुझाव भी दिए गए हैं.
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इस रिपोर्ट के अनुसार राज्य को पानी की कमी से जूझना पड़ सकता है, इसका कारण यह है कि राज्य का बड़ा भाग हिमालय से उतरने वाली नदियों और मानसून के पानी पर बहुत अधिक निर्भर है. जहां वर्षा के पैटर्न में बदलाव आने लगा है जिस कारण सूखे जैसे हालात का सामना भी करना पड़ सकता है.
जलवायु परिवर्तन के कारण ही वर्षा के पैटर्न में आए बदलाव और तापमान में बढ़ोतरी से फसलों की प्रभाव पड़ना निश्चित है. कृषि उत्पादन, विशेष रूप से मक्का, चावल और कपास की उपज पर बुरा प्रभाव पड़ने की आशंका है. इसका सीधा असर कृषि और मानव आजीविका पर पड़ेगा साथ ही देश की खाद्य सुरक्षा पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है.