Haryana News: हरियाणा में वाहन खरीददारों को प्रदेश की सरकार ने लूटना शुरु कर दिया है। नियम के अनुसार वाहन पंजीकरण के समय वाहन की सेल कीमत पर रोड टैक्स लिया जाता है, जबकि प्रदेश सरकार सेल कीमत पर टैक्स न लेकर एक्स शोरूम प्राइस पर रोड टैक्स ले रही है। ऐसे में जनता के ऊपर टैक्स की दोहरी मार पड़ गई है। जबकि हरियाणा के पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश, पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में वाहन की वास्तविक कीमत पर ही पंजीकरण के वक्त रोड टैक्स लिया जाता है।
कांग्रेस छात्र इकाई एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता वकील दीपांशु बंसल हरियाणा प्रदेश सरकार को लीगल नोटिस भेजकर पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर रोड टैक्स वसूलने का आग्रह किया है। अगर हरियाणा सरकार ने अपनी त्रुटि को नहीं सुधारा तो वह पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में परिवहन विभाग की दोहरी टैक्स वसूली के खिलाफ याचिका दायर करेंगे। दीपांशु बंसल ने नयी स्कोडा स्लाविया खरीदी जिसकी सेल प्राइस 10,95,862 है, लेकिन वाहन खरीदते समय उन्होंने जीएसटी समेत अन्य कंपनसेशन सेस समेत कुल 4,69,862 रुपए टैक्स भरा और कुल 15,89,000 रुपये खर्च किए। अब हरियाणा सरकार ने वाहन पंजीकरण के समय सेल प्राइस की बजाय टैक्स अमाउंट के साथ कुल एक्स शोरूम प्राइस को सेल प्राइस मानते हुए वाहन पंजीकरण में कुल 8 प्रतिशत यानी 1,30,000 टैक्स लिया।
इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि वाहन के अस्थाई पंजीकरण के वक्त चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा गाड़ी की असल सेल प्राइस 10,96,551 रुपये पर ही अस्थाई पंजीकरण किया जो 13 मई 2023 तक मान्य है। ऐसे में दीपांशु कानूनी नोटिस भेजकर मामले को सरकार के संज्ञान में लाये हैं। उन्होंने नोटिस में मांग की है कि वाहन पंजीकरण के समय रोड टैक्स हिमाचल, पंजाब और चंडीगढ़ राज्यों की भांति केवल वाहन के मूल्य पर ही लगाया जाए। दीपांशु ने बताया कि इससे पहले शिवालिक विकास मंच के प्रदेशाध्यक्ष विजय बंसल ने भी सरकार को कानूनी नोटिस भेजकर वास्तविक कीमत पर टैक्स लेने की मांग की है।