बालीवुड की किसी भी हिरोइन के लिए हालीवुड में जगह बनाना अभेद्य किले को भेदने जैसा है और किसी आस्कर से कम नहीं। इसलिए हालीवुड की ऐक्शन फिल्म ‘नेवर बैक डाउन–रिवोल्ट’ की लीड हीरोइन रही गरम मसाला व ट्रैफिक सिग्नल फेम की बालीवुड की बिहारी बाला नीतू चंद्रा के बुलंद हौसले नीचे उतरने का नाम नहीं ले रहे तो इसे कोई अतिरेक नहीं मानना चाहिए। इस फिल्म में नीतू चंद्रा के किरदार का नाम जया है
‘केक पर चेरी’ यह है कि पिछले सप्ताह ही इस फिल्म में नीतू चंद्रा श्रीवास्तव के सशक्त साथी कलाकार हालीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता, यूएफसी ( अल्टीमेट फाइटिंग चैम्पियनशिप) के वर्ल्ड चैंपियन माइकेल बिसपिंग ने एक वीडियो में नीतू चंद्रा की भरपूर तारीफ कर उसके लिए सोने पर सुहागा का काम किया है। ऐसे में नीतू चंद्रा का ‘क्लाउड नाइन’ यानी सातवें आसमान पर होना लाजिमी है।
बिसपिंग ने वीडियो में कहा है कि वे नेवर बैक डाउन- रिवोल्ट की लीड हीरोइन एवं अपने साथी कलाकार नीतू चंद्रा से चमत्कृत हैं। उन्होंने कहा है कि नीतू एक खासी प्रतिभाशाली ऐक्टर है। हालीवुड की माइकेल बिसपिंग जैसी शख्सियत से ऐसी प्रशंसा पाना भी अपने आप में एक बड़ी बात है। इसने हालीवुड की ऐक्शन फिल्म बिरादरी में नीतू चंद्रा को एक जाना पहचाना नाम बना दिया है।
नामचीन फाइटर ऐक्टर माइकेल बिसिपंग से ऐसा अनुमोदन हालीवुड के ऐक्शन फिल्म कैरियर में पांव जमाने की जद्दोजहद में लगे किसी अभिनेता व अदाकारा के लिए एक बड़ा ब्रेक है। बिसपिन के इस ‘पैक-ए-पंच’ ने नीतू के पूरी दुनिया पर फतह हासिल करने जैसे उसके मंसूबे और हौसले को एक बार फिर हवा दे दी है। नीतू चंद्रा विश्व सिनेमा पटल पर यकायक एक उल्का की तरह उभरी हैं।
यूएफसी अमेरिका के लास वेगास स्थित मिश्रित मार्शल आर्ट्स को बढ़ावा देने वाली कंपनी है। नीतू चंद्रा भी बचपन से मार्शल आर्ट में माहिर रही है और ताइक्वांडो में दो डैन ब्लैक बेल्ट हासिल कर चुकी है।
त्वाइकांडो में निपुणता के अनुरूप फिल्म में नीतू चंद्रा एक लड़ाका है जिसका अपहरण हो जाता है। वह अवैध व गुप्त अखाड़े में लड़ने के लिए फाइटरों की तस्करी करने वाले एक गिरोह के चंगुल में फंस जाती है। यह फिल्म इस गैंग से नीतू चंद्रा उर्फ जया की मुक्ति की जद्दोजहद की कहानी है। इस फिल्म की निर्देशक हालीवुड की जानी मानी केली मेडिसन हैं और इसे सोनी मोशन पिक्चर्स वर्ल्डवाइड ने प्रोडूयुस किया है।
हालीवुड के शहर लास एजेंलेस में करीब 2 साल गुजारने के बाद नीतू चंद्रा अभी मुम्बई में हैं। लेकिन उसकी नजर हालीवुड पर बदस्तूर टिकी है। बिसिपंग से मिली ऐसी शाबासी ने नीतू चंद्रा को मुम्बई में इठलाने का एक खूबसूरत बहाना भी दे दिया है। यूरेका ( पा लिया पा लिया) आह्लाद में सराबोर नीतू चंद्रा कहती हैं- “मैं बिसपिंग का शुक्र गुजार हूं कि उन्होंने मेरी खूबियां पहचानी और उसे दुनिया के सामने उजागर किया। बिसपिन मुझे बेहद प्रतिभाशाली एवं वन्डरफुल गर्ल मानते हैं तो यह मेरे लिए फक्र की बात है। ऐक्शन फिल्म के इतने सशक्त ऐक्टर से ऐसी तसदीक मेरे लिए टानिक का काम करेगा। मैं ट्रेंड मार्शल आर्टिस्ट हूं। बालीवुड में ऐक्शन फिल्म कम बनते हैं। हालीवुड ही मेरा पवित्र ग्रेल है।“
अपनी जद्दोजहद का बयान करते हुए नीतू कहती है- मुझे जीवन में तश्तरी में सजा कर कभी कुछ नहीं मिला। मैंने सबकुछ अपनी कड़ी मेहनत से हासिल किया। मेरा कोई गाड फादर नहीं है। मैं एक सेल्फ- मेड लड़की हूं। मुझे इस बात का फक्र है। रास्ते में लाख अड़चनें आई लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। विपरीत परिस्थितियों के मकड़जाल को तोड़ कर बाहर निकली है हालीवुड की यह ऐक्शन गर्ल। बालीवुड में 6- 7 फिल्में मिली, साइन किया लेकिन हाथ से निकल गया। लेकिन असफलताएं हमारा हौसला ही बढ़ाती रहीं। इन ठोकरों के बीच मैं मन में ठानती चली गई।
‘नेवर बैक डाउन’ का हिंदी तर्जुमा अगर कभी हार नहीं मानना होता है तो यह हालीवुड फिल्म नीतू चंद्रा के जज्बे की परिभाषा जैसी लगती है। गजब की जिद्दी लड़की है नीतू चंद्रा। बालीवुड में हीरोइन के रूप में भागय आजमाने गई एक अनजान अकेली लड़की का ‘शेल्फ लाइफ’ बहुत कम होता है। नीतू चंद्रा ने अपने को इसका अपबाद साबित किया है। समय बीतने के साथ नीतू दिनानुदिन निखरती ही जा रही है। हालीवुड में झंडा गाड़ कर खासी शोहरत कमा चुकी नीतू की कुछ कर गुजरने की तमन्ना का जिद्दीपन देखते हुए लगता है उसका श्रेष्ठ और श्रेष्ठतम अभी आने वाला है।
कहते हैं न होंठ और प्याले के बीच की राह फिसलन भरी होती है। नीतू के होंठ और हालीवुड के कप के बीच की राह भी रपटन भरी ही थी। एक खास बातचीत में आपका अब तक का ‘बेस्ट डे’ क्या है? इस सवाल के जबाव में वह कहती है- “मेरा अब तक का ‘बेस्ट डे’ वह दिन है जब मुझे इस हालीवुड फिल्म की ल़ंदन में शुरु हुई शूटिंग के लिए कोविड के दौरान वीजा मिला। यह फिल्म मेरे लिए सचमुच में ‘रोलर कोस्टर राइड’ साबित हुआ। इतने उतार चढ़ाव टेढे मेढ़े घुमावदार रास्ते बन गए कि एक समय तो लगा कि हालीवुड का यह बड़ा अवसर हाथ से गया। कोविड की वजह से कहीं भी आना जाना लगभग बंद था और लंदन जाने का वीजा मिलना तो एवरेस्ट की चढ़ाई मानो। इस फिल्म की शूटिंग तक पहुंच जाना अपने आप में एक ऐक्शन फिल्म था। इस पर नीतू ऱन अप टू नेवर बैक डाउन- रिवोल्ट- नामक एक अलग ऐक्शन फिल्म बन सकती है। अल्टीमेटम मिल गया था – फलां तारीख को नहीं पहुंचे तो आपकी जगह दूसरी लीड हीरोइन लेनी पड़ेगी। पहुंचना असंभव सा लग रहा था। दिल्ली में इमरजेंसी वीजा मिलता था लेकिन आसान नहीं था। लंबी कहानी है। एड्रेनालाइन का ऐसा तीव्र प्रवाह मैंने पहले कभी महसूस नहीं किया”। नीतू चंद्रा को इससे पहले हालीवुड की जो शार्ट फिल्म मिली थी उसका नाम था ‘दी वर्स्ट डे’।
नेवर बैक डाउन- रिवोल्ट एक ऐक्शन फिल्म है लेकिन इसकी लीड हिराइन नीतू चंद्रा के साथ ड्रामा और ऐक्शन शूटिंग शुरु होने के पहले ही शुरु हो गया था। नीतू चंद्रा को जीतने की जिद अपनी मां से मिली हुई है। वे कहती हैं- पटना के नौटरडेम अकैडमी में पढ़ते हुए तायक्वोंडो सीख रही थी तो मां यह कहते हुए भेजती थी कि जीत कर आना, नहीं तो वापस घर नहीं घुसने देंगे। नीतू ने बताया कि नेवर बैक डाउन – रिवोल्ट महिला सशक्तिकरण की नजीर पेश करती है, सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि स्त्री की मानसिक लड़ाई के जज्बे का भी आइना है। बचपन से स्पोर्ट्स स्टार रही नीतू चंद्रा के लिए फाइट उसकी फितरत है और जल्द हिम्मत हारने की उसकी आदत नहीं है।