चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी समेत करीब 55 दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित मरीजों को राहत दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य में ऐसे मरीजों को 2,750 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करने और पारिवारिक आय सीमा में छूट देकर चिरायु योजना में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह जानकारी आज यहां सेक्टर 6 कार्यालय में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीड़ित परिवार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में हरियाणा स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सोनिया त्रिखा खुल्लर ने दी।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित मरीजों का पंजीकरण स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है, जबकि मासिक वित्तीय सहायता सेवा विभाग द्वारा प्रदान की जाएगी। साथ ही, ऐसे मरीज जो हरियाणा के मूल निवासी हैं और किसी नामित उत्कृष्टता केंद्र द्वारा दुर्लभ बीमारी की पुष्टि की गई है, उन्हें चिरायु योजना में शामिल किया जाएगा, जिसके तहत उन्हें सरकारी और निजी अस्पतालों में सालाना 5 लाख रुपये तक का इलाज मिलेगा। योजना के तहत पारिवारिक आय सीमा ऐसे रोगियों पर लागू नहीं होगी।
डॉ. खुल्लर ने कहा, सीएम मनोहर लाल के निर्देशानुसार लाभार्थियों को 2750 रुपये की आर्थिक सहायता 10 अक्टूबर से पहले वितरित कर दी जाएगी। प्रदेश में दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित मरीजों के पंजीकरण का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर एक पोर्टल शुरू किया गया है, जिसका लॉगिन आईडी सिविल सर्जन और चिकित्सा अधीक्षकों को उपलब्ध करा दिया गया है। एक अनुमान के मुताबिक, हरियाणा में करीब 700 से 1000 मरीज ऐसे हैं जो ऐसी दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित हैं।
ये होता है मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
जब शरीर में कई न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के लक्षण एक साथ मौजूद हों तो ऐसी शारीरिक स्थिति को मस्कुलर डिस्ट्रॉफी कहा जाता है। जो एक आनुवांशिक बीमारी है, जिसमें जन्म के बाद बच्चे की मांसपेशियां धीरे- धीरे कमजोर हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में शारीरिक गतिविधियों को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। कुछ मामलों में इस बीमारी की पहचान जन्म के समय ही हो जाती है जबकि कई बार ऐसा होता है कि किशोरावस्था में प्रवेश करने के बाद बच्चे में ऐसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।