Friday, October 18, 2024
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रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे बासमती चावल के दाम

इन दिनों दुनिया भर में चावल की कीमत काफी ऊंची बनी हुई है। दरअसल, जिन देशों में चावल का उत्पाद होता है वहां पर फसल की पैदावार कम होने के कारण चावल के निर्यात पर अधिक शुल्क लगा दिया गया है। इसके साथ ही साथ अन्य कई प्रतिबंध भी लगाए गए हैं।

भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बासमती चावल की कीमत को करने के लिए बड़ा कदम उठा सकती है। सरकार  पंजाब हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में निर्यातकों, किसानों और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ परामर्श की एक चेन के बाद सरकार बासम​ती चावल के मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस 1200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 850 डॉलर प्रति टन कर सकती है। आने वाले कुछ दिनों में इसकी ऑफिशियल अनाउंसमेंट हो सकती है।

हाल ही के दिनों बासमती चावल के एक्सपोर्ट विशेषज्ञ के साथ केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की बैठक हुई थी। इस बैठक में  उद्योग मंत्री ने कहा था कि सरकार एमईपी को घटाकर 900 डॉलर प्रति टन कर देगी। लेकिन निर्यातकों के कहने पर मंत्री ने शुल्क को और कम करने पर सहमति जताई थी।

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निर्यातकों का कहना था कि भारत के सालाना 4.5 मिलियन टन बासमती चावल निर्यात का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा 700 से 1000 डॉलर प्रति टन के औसत मूल्य पर भेजा जाता है। लेकिन अगस्त में बासमती चावल की जगह सफेद गैर बासमती चावल का अवैध शिपमेंट शुरू हो गया था, इस वजह से निर्यात शुल्क को बढ़ाकर 1200 डॉलर प्रति टन का अस्थायी एमईपी लगाया गया था।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा कि उसे गैर-बासमती सफेद चावल के गलत वर्गीकरण और अवैध निर्यात के संबंध में रिपोर्ट मिली है, जिस वजह से शिपमेंट पर 20 जुलाई 2023 से प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन अब निर्यात शुल्क कम करने का समर्थन किया गया है।

 

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