Baba Bhageshwar Dham: योगगुरु बाबा रामदेव का योग शिविर इन दिनों झारखंड के गिरिडीह में जैन धर्म के प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन में चल रहा है। यहां पर आए कई लोगों को लाभ मिल रहा है। यहां पर बाबा रामदेव से बातचीत करते हुए पत्रकारों ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से संबंधित सवाल किए। बाबा रामदेव ने बागेश्वर धाम (Baba Bhageshwar Dham) के धीरेंद्र शास्त्री का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म से हजारों लाखों गुणा पाखंड इस्लाम और ईसाइ धर्म में है। जहां तक बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की बात है तो वह एक युवा है। प्रामाणिक व्यक्तित्व हैं उनमें कोई ढोंग-आडंबर, छल-पाखंड-अंधविश्वास वाला प्रश्न ही नहीं है। यह दूसरी बात है कि बहुत से लोग उनके पास (धीरेंद्र कृष्ण) अलग अलग वहम, मानसिक उन्माद या आवेग के कारण पहुंच रहे हैं। 99 प्रतिशत मानसिक रोगियों को ही भूत चढ़ते हैं। भूत यूरोप वालों को क्यों नहीं चढ़ते? चाइना वालों को क्यूं नहीं चढ़ते हैं, बहुत अमीर को क्यों नहीं चढ़ते।
बागेश्वर बाबा करते हैं मानसिक रोगियों का उपचार (Baba Bhageshwar Dham)
बाबा रामदेव ने कहा कि मानसिक रोग ही भूत है। मानसिक हालात को नियंत्रित नहीं करने से भी लोगों को मानसिक उन्माद जैसे रोग हो जाते हैं। ऐसे में अगर वो लोग धीरेंद्र शास्त्री के पास जाते हैं या हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं या बालाजी की कृपा से ठीक हो जाते हैं तो उसे ढोंग पाखंड अंधविश्वास नहीं बल्कि मानसिक उपचार है।
असम के मुख्यमंत्री का किया समर्थन
बाबा रामदेव ने असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा के महिलाओं के प्रसव को लेकर कही गई बातों का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि 25 से 30 वर्ष की आयु तक यौवन अपनी प्रकाष्ठा पर होता है और इस समय शुक्र-रज परिपक्व और स्वास्थ्य होता है और इस समय जेनेटिक डिसॉर्डर होने की संभावना नगण्य रहती है। बाबा रामदेव ने कहा कि आरोग्य की दृष्टि से आयुर्वेद-आध्यात्म-सनातन दृष्टि से भी 25 से 30 की उम्र में विवाह करके संतान उत्पति करना सर्वश्रेष्ठ होता है. यह अलग बात है कि 30-35 साल में कई बच्चे शादी करते हैं। बढ़ती उम्र में शादी करने से लाइफ साइकल गड़बड़ हो रहा है। ऐसे में हेमेंत बिस्वा ने जो भी कहा है वो गलत नहीं है उनके द्वारा कही गई कोई राजनीतिक बात नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक बात है।
Becoming mother is expensive: अब मां बनना हुआ महंगा, प्रेग्नेंसी से लेकर डिलीवरी तक आता है लाखों रुपए का खर्चा
https://garimatimes.in/now-becoming-a-mother-is-expensive-from-pregnancy-to-delivery-it-costs-lakhs-of-rupees/