रोहतक। रोहतक में कुछ दिन पहले वायरल हुई छात्राओं की गुमनाम चिट्ठी विभागीय जाँच के बाद झूठी साबित हुई। इस मामले में शिक्षा विभाग के तीन प्रिंसिपल की कमेटी ने इसकी जांच की। जिसके बाद स्कूल में पंचायत हुई। पंचायत व विभागीय जांच में सामने आया कि यह पत्र छात्राओं द्वारा नहीं लिखा गया। जबकि, किसी ने रंजिशन बदनाम करने के लिए लिखा है। BEO ने बताया कि इससे पहले भी इस तरह के 2-3 गुमनाम पत्र लिखे गए थे। काफी समय से कोई इस तरह की हरकत कर रहा है और पकड़ से भी बाहर है।
चिट्ठी में यह लिखा
डीसी को सौंपी गई चिट्ठी में लिखा है कि स्कूल की DPE मैडम क्लासरूम में बैठकर कॉल पर लड़कों के स्कूल के टीचर से बातचीत करती है। दूसरे गांव के स्कूल प्रिंसिपल से भी फोन पर स्पीकर ऑन कर गंदी बातें करती है। इसे सुनकर छात्राओं को भी शर्म आने लगती है। वहीं, दूसरी टीचर फैशन की इतनी दीवानी है कि वह छोटे-छोटे कपड़े पहनकर स्कूल में आती है, जिससे उनका पूरा शरीर दिखाई देता है। उन्होंने जब इस बारे में टीचर को कहा तो उन्होंने हमें डांटकर चुप करा दिया।
BEO को भी दी गई शिकायत
टीचर ने उनसे कहा कि उसकी मर्जी, चाहे वह कुछ भी पहने। BEO को भी शिकायत दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। DC से मांग की है कि दोनों टीचरों का दूसरी जगह ट्रांसफर किया जाए, ताकि स्कूल का माहौल खराब न हो और पढ़ाई ठीक से चलती रहे। यह भी संदेह जताया था कि अगर वे अपना नाम लिखकर शिकायत देती तो उनका स्कूल से नाम काट दिया जाता और भविष्य में भी रंजिश रखी जाएगी।
BEO बोली- पहले भी लिखे गए गुमनाम पत्र
ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (BEO) सरिता खनगवाल ने कहा कि छात्राओं के वायरल पत्र मामले में 3 प्रिंसिपल (2 महिला एवं एक पुरुष प्रिंसिपल) की कमेटी ने जांच की। कमेटी ने स्कूल स्टाफ, छात्राओं और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (SMC) से बातचीत की। जांच में सामने आया कि यह पत्र छात्राओं द्वारा नहीं लिखा गया है। साथ ही जो आरोप लगाए गए थे, वे भी झूठे पाए गए हैं। लेकिन किसने लिखा यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। पत्र लिखने वाले का कुछ पता नहीं है। इससे पहले भी दो-तीन गुमनाम पत्र इसी गांव से पहले भी लिखे जा चुके हैं।
गुमनाम पत्र लिखने वाले के खिलाफ हो कार्रवाई
गांव के सरपंच पति विजय राज ने बताया कि गर्ल्स स्कूल की छात्राओं के नाम से डीसी को लिखे गुमनाम पत्र के मामले में ग्रामीणों की टीम स्कूल में गई थी। उसने स्टाफ व छात्राओं से बातचीत की। यह पत्र छात्राओं ने नहीं लिखा। हालांकि, स्कूल में टीचरों की आपसी लड़ाई चल रही है। हो सकता है कि इसी रंजिश में षड्यंत्र के तहत अध्यापकों ने ही यह पत्र लिखा हो। इसके लिए पंचायत की तरफ से डीसी को शिकायत दी गई है कि गुमनाम पत्र लिखने वाले के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। क्योंकि उसने स्कूल व गांव का नाम खराब किया है।