लखनऊ —- लखनऊ खंडपीठ ने एक आवश्यक फैसला सुनाते हुए कहा है कि आवश्यक होने पर ही पेड़ काटे जाए! जल शक्ति मिशन के तहत बोरवेल और ओवरहेड टैंक के निर्माण के लिए पेड़ काटे जाने की आवश्यकता पर कोर्ट ने आदेश दिया है कि, जहां एक पेड़ काटा जाना हो वहां अधिकारी दो पेड़ लगाएं और उसकी वृद्धि भी सुनिश्चित करें!
साथ ही पीठ ने यह भी कहा कि कोई भी पेड़ बन विभाग की अनुमति के बाद ही काटा जाए! अनिल कुमार की तरफ से दाखिल एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह आदेश सुनाया!
दाखिल याचिका में उस प्रस्ताव को चुनौती दी गई थी जिसके तहत सीतापुर जिले के बरगवां गांव में जल शक्ति मिशन के तहत बोरवेल और ओवरहेड टैंक के निर्माण के लिए एक जमीन को चिन्हित की गई है! याचिकाकर्ता की तरफ से दलील दी गई थी कि उस जमीन पर काफी मात्रा में पेड़ लगे हुए हैं जिससे निर्माण कार्य में बाधा आ रही है इसके लिए इन पेड़ों को काटना आवश्यक है!
इस याचिका पर राज्य सरकार की ओर से जवाब दिया गया कि, उस जमीन से अब तक एक नीम तीन चिलवाल और एक बडहल का पेड़ काटा गया है जो लगभग 2 साल पुराने थे!