रोहतक : हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार हर माह के निर्धारित कार्यक्रम के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं सीजेएम अनिल कौशिक की अध्यक्षता में सुनारिया स्थित जिला जेल परिसर में जेल लोक अदालत का आयोजन किया गया। उन्होंने जेल लोक अदालत में विभिन्न फौजदारी मुकदमों की सुनवाई के दौरान 19 कैदियों को तुरंत रिहाई के निर्देश दिए।
अनिल कौशिक ने कहा कि किसी भी आरोपी का यह संवैधानिक अधिकार है कि अदालत में सुनवाई के दौरान उसे अपने बचाव का मौका मिले। भारतीय संविधान में भी कैदियों को अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत मौलिक अधिकार प्राप्त है। कैदियों को दी जाने वाली सुविधाओं के तहत परिजनों से मिलने, पत्र व्यवहार करने, निशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने, वकील से सलाह लेने, घर में महत्वपूर्ण घटनाओं में भाग लेने, शिक्षा प्राप्त करने इत्यादि के अधिकार प्राप्त है। जेल में बंद कैदी अपने मतदान के अधिकार का इस्तेमाल कर सकता है। इसके लिए वह पत्र व्यवहार के जरिए अपने पसंद के उम्मीदवार को वोट दे सकता है। संविधान में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि कैदियों को उनके काम के एवज में जेल के अंदर न्यूनतम मजदूरी दी जायेगी।
इस अवसर पर एडवोकेट राजबीर कश्यप, सुपरिटेंडेंट विजय शर्मा, सहायक संदीप दलाल, नरेंद्र कुमार, जेल अधिकारीगण व बंदी गण उपस्थित रहे।
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