जिस तरह नाम में सुंदरता झलकती है, उसी तरह सेहत के लिए यह अमृत समान है. जी हां, शंखपुष्पी शरीर के हर अंग पर इस तरह असर करती है कि यह अमृत तुल्य बन जाता है. शंखपुष्पी के पुष्प शंख की तरह होते हैं. इसे मॉर्निंग ग्लोरी भी कहा जाता है क्योंकि यह सुबह-सुबह खिला रहता है.
शंखपुष्पी का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में ब्रेन टॉनिक आ जाता है. निःसंदेह शंखपुष्पी ब्रेन के लिए बहुत फायदेमंद है लेकिन इसके अन्य भी कई तरह के फायदे हैं. विज्ञान के हिसाब से भी मानें तो शंखपुष्पी ऑवरहेल्थ के लिए बेहतरीन चीज है.
आयुर्वेद में इसका सदियों से कई बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है. आमतौर पर लोग शंखपुष्पी को याददाश्त तेज करने वाले मानते हैं लेकिन शंखपुष्पी कई बीमारियों के इलाज में सहायक है. आयुर्वेद में इसे तीनों दोष यानी पित्त, वात्त और कफ दोष के लिए दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
शंखपुष्पी कई तरह की बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है. शंखपुष्पी हार्ट के लिए भी बहुत फायदेमंद है. इसके अलावा यह मूड को सही रख सकता है. वहीं अल्सर, मिर्गी, उल्टी, बुखार, डायबिटीज, अनिद्रा, एनोरेक्सिया, सन स्ट्रोक, ब्लीडिंग, डाइजेशन, इंफेक्शन आदि में भी शंखपुष्पी बहुत फायदेमंद है.
शंखपुष्पी हाई ब्लड प्रेशर को बहुत जल्दी कम कर देती है. शंखपुष्पी हार्ट संबंधी कई तरह के जोखिम को भी कम करती है. शंखपुष्पी में एथेनोलिक एसिड पाया जाता है जो फैटी एसिड को कम करता है. इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट ब्लॉक, आर्टरीज में ब्लड क्लॉट के रिस्क को बहुत कम हो जाता है.
यह शरीर में फैटी एसिड को कम करता है जिसके कारण ब्लड वैसल्स को रिलेक्स फील होता है और खून की नलियों में बैड कोलेस्ट्रॉल के जमा होने का जोखिम कम हो जाता है. शंखपुष्पी से प्राप्त कंपाउड हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट ब्लॉक, आर्टरीज में ब्लड क्लॉट के जोखिम को कम कर सकता है.
शंखपुष्पी के नाम से टैबलेट, पाउडर, सीरप भी बाजार में मिलते हैं और इसी उद्येश्य से इसका इस्तेमाल किया जाता है कि इससे दिमाग तेज होता है. लेकिन रिसर्च में भी यह प्रमाणित हो चुका है कि शंखपुष्पी का सेवन याददाश्त को तेज करता है. यह फूल नीले के अलावा सफेद रंग में भी होते हैं.
शंखपुष्पी में एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्लेवेनोएड्स कंपाउड होते हैं जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम को उद्दीपीत करते हैं. इससे संज्ञानात्मक क्षमता में वृद्धि होती है. यही कारण है कि शंखपुष्पी का सेवन मानसिक थकान को भी दूर करता है. यानी शंखपुष्पी दिल के साथ-साथ दिमाग के लिए भी टॉनिक का काम करती है.
शंखपुष्पी तन के साथ-साथ मन को भी ठीक करती है. चिंता, बेचैनी, अवसाद जैसी समस्याओं को शंखपुष्पी कम कर सकता है. इस में एंटी-स्ट्रेस, एंटी-डिप्रेसिव, एंटी-एंग्जाइटी गुण होता है. यह दिमाग में केमिकल न्यूरोट्रांसमीटर को संतुलित करता है जिससे शरीर में डोपामाइन हार्मोन बढ़ता है और इससे सेरोटोनिन और कॉर्टिसोल हार्मोन कम हो जाता है. इन सबसे मूड बेहतर रहता है.
स्किन इंफेक्शन से लड़ने में शंखपुष्पी बेहद शक्तिशाली औजार है. यह दाद, खाज, खुजली, एग्जिमा, सनबर्न, सोरोसिस जैसी बीमारियों में फायदेमंद होता है. इस में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो स्किन से फ्री रेडिकल्स को निकाल देते हैं. जिनसे स्किन में कई तरह की बीमारियां होती है.
शंखपुष्पी की मदद से सौंदर्य को बढ़ाया जा सकता है. शंखपुष्पी में जो एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं वे स्किन से फ्री रेडिकल्स को निकाल देते हैं. फ्री रेडिकल्स स्किन में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस लाता है जिसके कारण स्किन समय से पहले बूढ़ी हो जाती है. इस तरह शंखपुष्पी का सेवन चेहरे की सुंदरता को बढ़ा सकता है.
शंखपुष्पी दिल, दिमाग और मूड के अलावा अल्सर, मिर्गी, उल्टी, बुखार, डायबिटीज, सन स्ट्रोक, ब्लीडिंग, डाइजेशन, अनिद्रा, एनोरेक्सिया, इंफेक्शन आदि में बहुत फायदेमंद है.
शंखपुष्पी महिलाओं के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है. यह पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग को रोकता है, साथ ही यह प्रेग्नेंसी के लिए भी टॉनिक का काम करती है. शंखपुष्पी और अश्वगंधा को दूध में मिलाकर पीने से गर्भाशय मजबूत होता है और इससे गर्भपात का जोखिम कम हो जाता है.