दुनिया बहुत बड़ी है और यहां अलग-अलग देशों में अलग-अलग किस्म के रीति-रिवाज़ों का पालन किया जाता है. इनमें से कुछ परंपराएं बेहद अजीबोगरीब होती हैं. आज के युग में भी कुछ जनजातियां इस तरह की परंपराओं का पालन करती हैं.
अमेजन की साटेरे-मावा ट्राइब्स के बीच आज भी एक ऐसी परंपरा चली आ रही है, जिसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। दरअसल, यहां के लड़कों को वयस्क बनने के लिए एक टेस्ट पास करना जरूरी होती है, इसके तहत उन्हें खुद को खतरनाक चींटियों से कटवाना पड़ता है।
यही नहीं, इस परीक्षा को पास किए बिना इन लड़कों की शादी भी नहीं हो सकती है और इसी चुनौती को पूरा करके वे समाज को अपने मर्द बनने का संदेश दे पाते हैं। आइए आपको बताते हैं इस प्रथा से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
अमेजन के साटेरे-मावा जनजाति के लड़कों को वयस्क बनने और अपनी मर्दानगी को साबित करने के लिए इस ट्रेडिशन से गुजरना पड़ता है। जिससे पूरे समुदाय के सामने यह बात साबित हो जाती है, कि वे अब बच्चे नहीं रहे और बड़े हो चुके हैं। यह जनजाति सदियों से इस परंपरा को निभाती आ रही है।
मान्यता के मुताबिक यहां के युवक अपनी मर्दानगी को साबित करने के लिए बुलेट एंट से खुद को कटवाते हैं, जो कि चींटियों की खतरनाक और जहरीली प्रजाति है। आपको जानकर हैरत होगी, कि इसमें एक-दो नहीं, बल्कि ढेरों चींटियों से भरे दस्तानों में हाथ डालना पड़ता है।
इस बीच भयानक दर्द का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसे दर्शाने के बजाय इन युवकों को नाचना होता है। इसके कई दिन बाद तक हाथों में सूजन बनी रहती है और कुछ भी छूना या पकड़ना मुमकिन नहीं हो पाता है, लेकिन इससे ये जरूर साबित हो जाता है कि वे दर्द सहने लायक मर्द बन पाए हैं या नहीं।
इस प्रथा के लिए सबसे पहले बुलेट एंट जुटाई जाती हैं। ऐसे में 12 साल या इससे ज्यादा की उम्र के लड़कों को जंगल भेजा जाता है। यहां उन्हें खुद ही लकड़ी के दस्ताने बनाने पड़ते हैं और इसमें चींटियों को जमा करना पड़ता है।
पहले खतरनाक चीटियों को एक मोटे दास्ताने में बंद किया जाता है। जब दस्ताने को खोला जाता है, तो वह बेहद गुस्से में होती हैं। जब वह गुस्से में होती है, तब उनको दास्ताने में हाथ डालना होता है और खुद को कटवाना होता है।
इसके बाद 10 मिनट का ट्रेडिशनल डांस होता है और इस बीच टेस्ट में शामिल होने वाले लोगों को कम से कम 20 बार इन दस्तानों को बदलना पड़ता है। इन खतरनाक चींटियों के काटने का दर्द मधुमक्खी के डंक से भी 30 गुना ज्यादा होता है .
इस ट्रेडिशन का मकसद इन युवाओं को यह बताना भी है कि दर्द के बिना इस दुनिया में कुछ भी आसानी से नहीं मिलता है, ऐसे में इसी चैलेंज को पास करने के बाद उन्हें शादी के योग्य माना जाता है।