कई बार बच्चे झूठ बोलना शुरू कर देते हैं। बच्चों की इन आदतों पर ध्यान न दिया जाए तो ये काफी बढ़ सकती है और बच्चे बात-बात पर झूठ बोलना शुरू कर सकते हैं। आपको अगर महसूस होने लगे कि बच्चा झूठ बोल रहा है तो उसे डांटने पीटने के बजाय इन तरीकों से उसकी ये गंदी आदत छुड़ाएं।
गलती होने पर डांटें नहीं - ज्यादातर बच्चे डांट या मार के डर से झूठ बोलने लगते हैं। कई घरों में पैरेंट्स बच्चे के साथ काफी सख्ती से पेश आते हैं। बच्चे को डांट या मार का डर होता है। जिस वजह से के झूठ बोलना शुरू कर देते हैं। ऐसे में गलती होने पर बच्चे को डांट-मार नहीं, बल्कि प्यार से समझाएं।
बच्चों के सामने झूठ न बोलें - बच्चे वही सीखते हैं जो उनके मां-बाप उनके सामने करते हैं। आप अगर चाहते हैं कि आपका बच्चा कभी झूठ न बोले तो आप भी उसके सामने कभी कोई ऐसा काम न करें या बात न कहें जो कि झूठ पर आधारित हो। बच्चा आपको झूठ बोलते देखकर खुद भी झूठ बोलना सीख सकता है।
सच बोलने को दें बढ़ावा - बच्चे को झूठ बोलने के नुकसान के बारे में समझाएं और सच बोलने के फायदें बताये। बच्चा अगर अपनी गलती खुद स्वीकार करे तो उसके सच बोलने पर उसे डांटें नहीं बल्कि उसकी तारीफ करें, जिससे भविष्य में बच्चा सच बोलने से नहीं डरेगा।
ईमानदारी के महत्व को समझाएं - अपने बच्चे को समझाएं कि ईमानदारी कितनी महत्वपूर्ण है। आप कहानियों, किस्सों या उदाहरणों का उपयोग करके ऐसा कर सकते हैं। बच्चों को सिखाएं कि गलती करना ठीक है, लेकिन झूठ बोलना नहीं। अपने बच्चे के साथ खुले और ईमानदार संवाद बनाए रखें।
धैर्य रखकर दें समझाइश - बच्चे में एकदम बदलाव नहीं हो सकता है। पैरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना होगा। आप धैर्य रखें और धीरे-धीरे समझाइश देते हुए बच्चे को इस गंदी आदत से दूर करें। बच्चे के सामने रोल मॉडल बने। अगर जरूरत महसूस हो तो काउंसलर की मदद भी ली जा सकती है।