वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए रत्न और उपरत्नों का वर्णन मिलता है। जिनको धारण करने से ग्रह के निगेटिव प्रभाव को दूर किया जा सकता है। साथ ही ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।
यहां हम बात करने जा रहे हैं मोजोनाइट के बारे में, जिसका संबंध धन के दाता शुक्र ग्रह से माना जाता है। मतलब अगर कोई कोई हीरा धारण नहीं कर सकता, तो वह मोजोनाइट पहन सकता है। आइए जानते हैं मोजोनाइट धारण करने की विधि और लाभ…
रत्न शास्त्र अनुसार मोजोनाइट डबल रिफ्टेक्टिव रत्न है। मतलब यह हीरे की तरह ही दिखता है। मतलब अगर आप मोजोनाइट के आर पार देखेंगे तो सामने आपको 2 चीजें नजर आएंगी। मोजोनाइट में हीरा की मुकाबले ढाई गुना ज्यादा चमक होती है। मतलब सतरंगी कलर ज्यादा होती है।
यह बाजार में हीरे की तुलना में काफी सस्ता मिलता है। साथ ही ये लैब टेस्टेड भी मिलता है। मोजोनाइट बाजार में ज्यादा मंहगा नहीं मिलता है। इसे धारण करने से धन- समृद्धि की प्राप्ति होती है। क्योंकि मोजोनाइट शुक्र ग्रह का रत्न है।
वहीं मोजोनाइट पहनने से वैवाहिक जीवन मधुर होता है। साथ ही पति- पत्नी के बीच सामंजस्य होता है। वहीं जो लोग कला, मीडिया, फिल्म, एक्टिंग, फैशन डिजाइनिंग से जुड़े हुए हैं, उनके लिए मोजोनाइट शुभ साबित हो सकता है। साथ ही मोजोनाइट पहनने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
मोजोनाइट वृष और तुला लग्न वालों के लिए शुभ साबित हो सकता है। साथ ही मकर और कुंभ राशि के जातक भी धारण कर सकते हैं। क्योंकि शनि देव इन राशियों के स्वामी हैं और ज्योतिष अनुसार शनि देव और शुक्र ग्रह में मित्रता का भाव है।
वहीं, कुंडली में शुक्र ग्रह सकारात्मक स्थित में हैं, तो आप हीरा धारण कर सकते हैं। लेकिन मोजोनाइट के साथ माणिक्य और मोती धारण नहीं करें। वरना नुकसान हो सकता है।
मोजोनाइट का संबंध शुक्र ग्रह से है तो मोजोनाइट को शुक्रवार के दिन धारण कर सकते हैं। इसे सोने के धातु में धारण करें। अंगूठी को धाऱण करने से पहले गंगाजल और गाय के दूध से शुद्ध कर लें। इसके बाद शुक्र ग्रह के बीज मंत्र का जाप करें और फिर तर्जनी उंगली में धारण कर लें।