पंजाब, बेरोजगारी की बढ़ती दर ने अब युवाओं को आजीविका के लिए गेहूं की कटाई करने के लिए मजबूर कर दिया है। ये युवा कोई आम या अनपढ़ नहीं बल्कि एमए और बीडी पास हैं। श्री मुक्तसर साहिब जिले के गांव गंधार में कई ऐसे मजदूर परिवार के युवा हैं, जिन्होंने गरीबी के बावजूद कड़ी मेहनत कर उच्च शिक्षा हासिल की और बड़ी-बड़ी डिग्रियां हासिल कीं, लेकिन रोजगार के नाम पर उन्हें आधी नौकरी भी नहीं मिल सकी।
आज स्थिति यह है कि वे रोटी के लिए खेतों से फल तोड़ रहे हैं। बातचीत करते हुए युवक गुरनामत सिंह ने बताया कि उसने चार साल पहले एमए किया है और अभी पढ़ाई कर रहा है। अफसोस की बात है कि उन्हें कोई नौकरी नहीं मिली।
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उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार देने का वादा करती है, लेकिन मजदूर वर्ग को हमेशा धक्का दिया जा रहा है। पहले तो उन्होंने गरीबी के बावजूद खूब पढ़ाई की और अब उन्हें नौकरी भी नहीं मिली। अत्यधिक महँगाई के कारण इतना पढ़ने-लिखने के बाद भी हमें खेतों से गेहूँ इकट्ठा करना पड़ रहा है ताकि हम अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए गेहूँ इकट्ठा कर सकें। उन्होंने कहा कि उनके जैसे कई अन्य युवा हैं जिनके पास डिग्री तो है लेकिन नौकरी नहीं है। आख़िरकार, वे काम करने के लिए मजबूर हैं।