गर्मियां शुरू होते ही घर में ततैये मंडराने लगते हैं। यही नहीं घर के किसी भी कोने में छत्ता बनाते हैं। गलती से ततैया काट ले तो ऐसा दर्द उठता है कि बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है।
ततैया के डंक से सूजन होने लगती है। कई बार डंक की वजह से प्रभावित हिस्से पर खुजली और जलन होने लगती है। अगर समय पर इलाज ना किया जाए, तो जहर फैलने की वजह से त्वचा पर मोटे चकत्ते और बुखार भी हो सकता है।
लेकिन, घबराइए मत, आप ततैया के काटने पर कुछ घरेलू उपाय कर सकते हैं। आज हम आपको ऐसे ही कुछ घरेलू नुस्खे बताने जा रहे हैं, जिससे आप ततैया के काटने से होने वाले दर्द और सूजन को कम कर सकते हैं -
ततैया काटने पर उस जगह पर नींबू का रस लगाने से जल्द आराम मिलता है। इसके लिए एक नींबू को बीच से काटकर प्रभावित हिस्से पर रगड़ें। रस निकालकर, रूई की मदद से भी लगा सकते हैं। ऐसा दिन में दो से तीन बार करने से दर्द और जलन से जल्द राहत मिलती है।
ततैया के डंक मारने वाले स्थान पर खुजली और सूजन आ जाती है। इसलिए उस जगह पर बर्फ मलें। कुछ देर बाद एंटीबायोटिक क्रीम लगाएं।
ततैया के डंक मारने वाले स्थान चंदन या हल्दी पाउडर लगाएं, यह दर्द में आराम देगा और सूजन को कम करेगा।
ततैया के काटने पर लैवेंडर तेल लगाने से जलन कम होती है। वहीं, तुलसी के पत्तों का रस, नीलगिरी का तेल और एलोवेरा जेल लगाने से मधुमक्खी के डंक से राहत मिलेगी।
ततैया के काटने पर लैवेंडर तेल लगाने से जलन कम होती है। वहीं, तुलसी बेकिंग सोडा और सेब के सिरके को मिलाकर पेस्ट बना लें। फिर पेस्ट को रुई में भिगोकर घाव वाले स्थान पर लगाएं। इससे दर्द में आराम मिलेगा। के पत्तों का रस, नीलगिरी का तेल और एलोवेरा जेल लगाने से मधुमक्खी के डंक से राहत मिलेगी।
ततैया काटे तो शहद लगाएं। शहद में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण संक्रमण के खतरे को कम करते हैं।
गर्मियों में ततैयों का अंडे देने का समय होता है और लोग गर्मियों में हल्के या छोटे कपड़े या आधी बाजू के कपड़े पहनते हैं इसलिए इस मौसम में सबसे ज्यादा ततैये के डंक मारने के मामले देखे जाते हैं।
ततैये के काटने से कोई खतरा नहीं होता। ततैये के डंक में जहर होता है जो टॉक्सिन होता है। जहां ततैया काटता है, उस हिस्से में रिएक्शन होता है और सूजन के साथ जलन और खुजली होती है।
इससे पूरे शरीर में जहर नहीं फैलता। यह दर्द 2 से 3 दिन में ठीक हो जाता है। लेकिन अगर किसी इंसान पर ततैयों का झुंड अटैक कर दे और व्यक्ति को 100 से ज्यादा ततैये काट लें तो उसकी जान तक जा सकती है।
मेडिकल भाषा में इसे एनालेप्टिक शॉक कहा जाता है। ततैयों की मल्टीपल बाइट से व्यक्ति का ब्लड प्रेशर कम हो जाता है और इंटरनल ऑर्गन में सूजन हो जाती है। ऐसे मरीजों को सांस नहीं आती जिससे उन्हें तुरंत वेंटिलेटर पर लिया जाता है।
अगर किसी को कई ततैये काट लें तो उसे उल्टी, चक्कर आना, पेट में ऐंठन, बीपी कम होना, घबराहट या सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। ऐसी हालत में उसे तुरंत इमरजेंसी ट्रीटमेंट की जरूरत हाेती है इसलिए हॉस्पिटल जल्द से जल्द लाना चाहिए।
अगर घर में या आसपास ततैयों का छत्ता है तो शरीर को ढंककर रखें। खुशबूदार साबुन, शैंपू और परफ्यूम लगाने से बचें। कमरों के दरवाजों पर पतली जाली लगवाएं और दरवाजा-खिड़की बंद रखें।
ततैयों का छत्ता दिन की बजाए रात में हटाना चाहिए क्योंकि इस समय ततैये सबसे कम एक्टिव होते हैं। बाजार में कई इंसेक्ट स्प्रे मिलते हैं। ततैयों और उनके छत्तों को स्प्रे करके निकाला जा सकता है। इन स्प्रे से ततैये बेहोश हो जाते हैं।
पेस्टिसाइड स्प्रे या पाउडर से भी ततैयों और उनके छत्तों को नष्ट किया जाता है। यह जहरीला होता है इसलिए इसके छिड़काव से पहले उस जगह को खाली कर देना चाहिए।